समारोह में 350 से अधिक कलाकार शिरकत कर चुके हैं
खजुराहो नृत्य समारोह के आज तीसरे दिन की शुरूआत ने दर्शकों की अंतरआत्मा में एक नया स्थान बनाया। तीन दशक से भी अधिक समय से निरन्तर इस समारोह में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों व आधुनिक नृत्यों के 350 से अधिक कलाकार शिरकत कर चुके हैं।
तीन फरवरी की दोनों मनमोहक प्रस्तुतियां कथक एवं भरत नाट्यम की खूब प्रशंसा दर्शकों के मुख से सुनी गई। पहली प्रस्तुति विदेशी मूल की नृत्यांगना सुश्री ईसावेले एना द्वारा कथक के रूप में दी गई। छोटी से उम्र से सुश्री एना का झुकाव कथक शैली की ओर हुआ। आप कथक की एक जानी-मानी नृत्यांगना हैं।दूसरी प्रस्तुति के रूप में सुश्री जय लक्ष्मी ईश्वर का भरतनाट्यम नृत्य हुआ। आपके भरतनाट्यम नृत्य में पारंपरिकता व कला का अनूठा मेल दिखता है। दक्षिण के नृत्यों में भरतनाट्यम की अपनी अलग पदवी है। कार्यक्रम के दौरान दर्शकों के उत्साह, उनकी उत्सुकता और जिज्ञासा का वर्णन करना अत्यंत कठिन है। इन मनोहारी प्रस्तुतियों ने दर्शकों के बीच उल्लास का संचार कर दिया। 'खजुराहो नृत्य समारोह' में पधारे समस्त कलाकारों के पदचाप से खजुराहो की भूमि स्वयं को धन्य अनुभव करती है।
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