पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की
सागर।भाषा बुंदेलखण्ड मेडिकल कालेज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो माह पहले नौ छात्रों के खिलाफ अवैधानिक तरीके से प्रवेश लेने का मामला दर्ज होने के बाद एक ऐसा ही मामला सामने आया है।Also Read At YAHOO
बुंदेलखण्ड मेडिकल कालेज के प्रशासकीय अधिकारी आर. आर. एस. रघुवंशी ने आज बताया कि गत सोमवार नीरज श्रीवास्तव अपनी बेटी को मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाने के लिए आए। इस सिलसिले में उन्होंने संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल का सीट आबंटन संबंधी पत्र भी पेश किया, जिस पर डीएमई चेयरमैन डा. एन.एम. श्रीवास्तव, संचालक डा. बी.के. सैनी एवं डीन डा. एस.सी. तिवारी के हस्ताक्षर थे। उन्होंने बताया कि सीट आबंटन के पत्र की सत्यता जानने के लिए जब संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होने ऐसा कोई पत्र जारी किए जाने से इंकार कर दिया।
बुंदेलखण्ड मेडिकल कालेज के प्रशासकीय अधिकारी आर. आर. एस. रघुवंशी ने आज बताया कि गत सोमवार नीरज श्रीवास्तव अपनी बेटी को मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाने के लिए आए। इस सिलसिले में उन्होंने संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल का सीट आबंटन संबंधी पत्र भी पेश किया, जिस पर डीएमई चेयरमैन डा. एन.एम. श्रीवास्तव, संचालक डा. बी.के. सैनी एवं डीन डा. एस.सी. तिवारी के हस्ताक्षर थे। उन्होंने बताया कि सीट आबंटन के पत्र की सत्यता जानने के लिए जब संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होने ऐसा कोई पत्र जारी किए जाने से इंकार कर दिया।
इस बारे में कालेज के डीन डा. तिवारी ने बताया कि मेडिकल कालेज की सभी सीटें भरी जा चुकी है और नए प्रवेश की कोई संभावना नहीं है। श्रीवास्तव ने अपनी बेटी नित्या श्रीवास्तव के प्रवेश के लिए जो पत्र पेश किया था, वह फर्जी है। तिवारी ने कहा कि उस पर दर्शाए गए अधिकारियों के हस्ताक्षर असली नहीं है और इसमें दिया गया आवक-जावक नंबर एवं कांउसलिंग की तारीख भी गलत है।
इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक अमृत लाल मीणा ने बताया कि मेडिकल कालेज के डीन ने पुलिस को शिकायत की है कि श्रीवास्तव खुद को बैंककर्मी बता रहा है। उन्होंने अपनी बेटी को एमबीबीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश दिलाने के सिलसिले जो दस्तावेज पेश किए हैं, वे जांच करने पर फर्जी पाए गए है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक अमृत लाल मीणा ने बताया कि मेडिकल कालेज के डीन ने पुलिस को शिकायत की है कि श्रीवास्तव खुद को बैंककर्मी बता रहा है। उन्होंने अपनी बेटी को एमबीबीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश दिलाने के सिलसिले जो दस्तावेज पेश किए हैं, वे जांच करने पर फर्जी पाए गए है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
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