मध्यप्रदेश शासन द्वारा सामाजिक सद्भाव, समरसता और श्रेष्ठतम उपलब्धियों के लिए स्थापित महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में समग्र रचनात्मक अवदान, सृजनात्मकता एवं श्रेष्ठ उपलब्धि के लिए महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान, सुगम संगीत के क्षेत्र में स्थापित राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान एवं निर्देशन, अभिनय, पटकथा एवं गीत लेखन विधाओं के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान की घोषणा की गयी है।
बेल्लूर मठ में स्थापित रामकृष्ण मिशन को वर्ष 2009-10 का महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान, नयी दिल्ली स्थित विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान को इसी वर्ष का महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान, हिन्दी सिनेमा के प्रख्यात संगीतकार श्री रवि को वर्ष 2008-09 का राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान और स्वर्गीय गुलशन बावरा को वर्ष 2008-09 के राष्ट्रीय किशोर सम्मान से विभूषित किया जायेगा। इन सम्मानों के अन्तर्गत दो-दो लाख रूपये की आयकर मुक्त राशि, सम्मान पटि्टका, शाल व श्रीफल प्रदान किया जाता है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आज यहां उक्त जानकारी दी।
श्री शर्मा ने बताया कि इस आशय का निर्णय इन सम्मानों के लिए राज्य शासन द्वारा गठित चयन समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मत निर्णय के आधार पर किया। उल्लेखनीय है कि चयन समिति का निर्णय राज्य शासन के लिए बंधनकारी होता है।
महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान की चयन समिति में सर्वश्री नारायण प्रसाद गुप्ता, रमेशचन्द्र अग्रवाल, ललित सुरजन, प्रभात कुमार भट्टाचार्य और राजेन्द्र कोठारी शामिल थे। इस सम्मान से विभूषित होने वाली संस्था रामकृष्ण मिशन वर्ष 1909 से पंजीकृत है और विश्व के अनेक देशों में संस्था की शाखाएँ शिक्षा, चिकित्सा एवं समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है। मिशन द्वारा श्री रामकृष्ण परमहंस द्वारा प्रतिपादित तथा उनके जीवन में अवधारित वेदान्त और उसके सिद्वांतों के अध्ययन का प्रचार-प्रसार एवं सार्थक कार्य किए जा रहे है।
महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान की चयन समिति में सर्वश्री सच्चिदानंद जोशी, प्रो. हीरालाल शुक्ल, श्री जगदीश तोमर, श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना एवं राजीव मोहन गुप्त शामिल थे। इस सम्मान से विभूषित होने वाली संस्था विद्या भारती देश का सबसे बड़ा गैर शासकीय शैक्षिक संगठन है। लक्ष्यद्वीप और मिजोरम के अलावा सम्पूर्ण भारत में 56 प्रांतीय और क्षेत्रीय समितियाँ विद्या भारती से सम्बद्ध हैं। संस्थान के अन्तर्गत 13 हजार से अधिक शिक्षण संस्थाओं में लगभग 74 हजार शिक्षकों के मार्गदर्शन में 17 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को शिक्षा और संस्कार प्रदान किए जाने का महती कार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान की चयन समिति में सुश्री भावना सोमैया, सर्वश्री नितिन मुकेश, ओम थानवी तथा रवीन्द्र जैन शामिल थे। इस सम्मान से विभूषित होने वाले प्रख्यात सिने-संगीतकार श्री रवि बीसवीं सदी के छठवें दशक से सक्रिय एक ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने अपने समय का श्रेष्ठ और कालजयी संगीत दिया। उनकी पहली फिल्म एक साल थी जो 1957 में प्रदर्शित हुई थी। उनकी प्रमुख फिल्मों में दिल्ली का ठग, चौदहवीं का चांद, घूंघट, तराना, नजराना, चायना टाउन, आज और कल, गुमराह, काजल, खानदान, वक्त, फूल और पत्थर, औरत, हमराज, ऑखें, नीलकमल, एक फूल दो माली आदि शामिल हैं।
वर्ष 2008-09 के राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से विभूषित होने वाले दिवंगत गीतकार स्व. गुलशन बावरा ने उपकार फिल्म के लिए मेरे देश की धरती जैसा यादगार गीत लिखा था। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण फिल्मों के लिए मधुर गीत की रचना की जिनमें जंजीर, दुल्हा दुल्हन, विश्वास, जाने-अनजाने, कस्मे वादे, सत्ते पे सत्ता, अगर तुम न होते, पवित्र पापी आदि फिल्में शामिल हैं। स्व. गुलशन बावरा का हाल ही में निधन हो गया। चयन समिति द्वारा लिए गये निर्णय के समय वे जीवित थे एवं सक्रिय स्वस्थ भी। उनके नाम का यह सम्मान 13 अक्टूबर को खण्डवा में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अंजु मेहता को प्रदान किया जायेगा।
बेल्लूर मठ में स्थापित रामकृष्ण मिशन को वर्ष 2009-10 का महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान, नयी दिल्ली स्थित विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान को इसी वर्ष का महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान, हिन्दी सिनेमा के प्रख्यात संगीतकार श्री रवि को वर्ष 2008-09 का राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान और स्वर्गीय गुलशन बावरा को वर्ष 2008-09 के राष्ट्रीय किशोर सम्मान से विभूषित किया जायेगा। इन सम्मानों के अन्तर्गत दो-दो लाख रूपये की आयकर मुक्त राशि, सम्मान पटि्टका, शाल व श्रीफल प्रदान किया जाता है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आज यहां उक्त जानकारी दी।
श्री शर्मा ने बताया कि इस आशय का निर्णय इन सम्मानों के लिए राज्य शासन द्वारा गठित चयन समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मत निर्णय के आधार पर किया। उल्लेखनीय है कि चयन समिति का निर्णय राज्य शासन के लिए बंधनकारी होता है।
महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान की चयन समिति में सर्वश्री नारायण प्रसाद गुप्ता, रमेशचन्द्र अग्रवाल, ललित सुरजन, प्रभात कुमार भट्टाचार्य और राजेन्द्र कोठारी शामिल थे। इस सम्मान से विभूषित होने वाली संस्था रामकृष्ण मिशन वर्ष 1909 से पंजीकृत है और विश्व के अनेक देशों में संस्था की शाखाएँ शिक्षा, चिकित्सा एवं समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है। मिशन द्वारा श्री रामकृष्ण परमहंस द्वारा प्रतिपादित तथा उनके जीवन में अवधारित वेदान्त और उसके सिद्वांतों के अध्ययन का प्रचार-प्रसार एवं सार्थक कार्य किए जा रहे है।
महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान की चयन समिति में सर्वश्री सच्चिदानंद जोशी, प्रो. हीरालाल शुक्ल, श्री जगदीश तोमर, श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना एवं राजीव मोहन गुप्त शामिल थे। इस सम्मान से विभूषित होने वाली संस्था विद्या भारती देश का सबसे बड़ा गैर शासकीय शैक्षिक संगठन है। लक्ष्यद्वीप और मिजोरम के अलावा सम्पूर्ण भारत में 56 प्रांतीय और क्षेत्रीय समितियाँ विद्या भारती से सम्बद्ध हैं। संस्थान के अन्तर्गत 13 हजार से अधिक शिक्षण संस्थाओं में लगभग 74 हजार शिक्षकों के मार्गदर्शन में 17 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को शिक्षा और संस्कार प्रदान किए जाने का महती कार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान की चयन समिति में सुश्री भावना सोमैया, सर्वश्री नितिन मुकेश, ओम थानवी तथा रवीन्द्र जैन शामिल थे। इस सम्मान से विभूषित होने वाले प्रख्यात सिने-संगीतकार श्री रवि बीसवीं सदी के छठवें दशक से सक्रिय एक ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने अपने समय का श्रेष्ठ और कालजयी संगीत दिया। उनकी पहली फिल्म एक साल थी जो 1957 में प्रदर्शित हुई थी। उनकी प्रमुख फिल्मों में दिल्ली का ठग, चौदहवीं का चांद, घूंघट, तराना, नजराना, चायना टाउन, आज और कल, गुमराह, काजल, खानदान, वक्त, फूल और पत्थर, औरत, हमराज, ऑखें, नीलकमल, एक फूल दो माली आदि शामिल हैं।
वर्ष 2008-09 के राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से विभूषित होने वाले दिवंगत गीतकार स्व. गुलशन बावरा ने उपकार फिल्म के लिए मेरे देश की धरती जैसा यादगार गीत लिखा था। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण फिल्मों के लिए मधुर गीत की रचना की जिनमें जंजीर, दुल्हा दुल्हन, विश्वास, जाने-अनजाने, कस्मे वादे, सत्ते पे सत्ता, अगर तुम न होते, पवित्र पापी आदि फिल्में शामिल हैं। स्व. गुलशन बावरा का हाल ही में निधन हो गया। चयन समिति द्वारा लिए गये निर्णय के समय वे जीवित थे एवं सक्रिय स्वस्थ भी। उनके नाम का यह सम्मान 13 अक्टूबर को खण्डवा में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अंजु मेहता को प्रदान किया जायेगा।
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