01 September 2009

सागर चिकित्सा महाविद्यालय को शीघ्र मान्यता का अनुरोध

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार से सागर में स्थापित चिकित्सा महाविद्यालय को शीघ्र मान्यता के लिये कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद को भेजे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
इस वर्ष से ही सागर मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष की भर्ती के लिये पूरी तैयारी है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि द्वितीय वर्ष का अध्यापन प्रारंभ होने तक शेष कमियां भी पूरी कर जायेंगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर में राज्य में 40 साल बाद शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। भूमि आवंटन तथा अन्य औपचारिकताओं के बाद अगस्त 2007 में इसके भवन के निर्माण का काम शुरू हुआ। इस महाविद्यालय के भवन निर्माण पर कुल 145.42 करोड़ रुपये लागत आएगी। महाविद्यालय की स्थापना के लिये राज्य शासन ने 33.88 एकड़ भूमि आवंटित की है। इस भूमि पर महाविद्यालय के लिये कुल 11.69 लाख वर्गफीट निर्मित क्षेत्र होगा। भवन के निर्माण का प्रथम चरण गत 31 अगस्त को पूरा हो चुका है।
इस चिकित्सा महाविद्यालय की मान्यता के लिये राज्य शासन लगातार प्रयासरत है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री अनूप मिश्रा भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री आजाद से इस संबंध में मिलकर अनुरोध कर चुके हैं। सागर में चिकित्सा महाविद्यालय के स्थल का निरीक्षण भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा गत जून तथा जुलाई में किया जा चुका है। महाविद्यालय में अध्यापन कार्य के लिये 18 अध्यापकों की भी नियुक्ति की जा चुकी है। निचले स्तर पर भी 77 प्रतिशत कर्मियों की भर्ती की जा चुकी है। महाविद्यालय के लिये प्रयोगशाला तथा संबद्ध 342 बिस्तर के अस्पताल आदि की भी व्यवस्था की जा चुकी है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षित पद के पात्र उम्मीदवार नहीं मिल पाने के कारण कुछ पद नहीं भरे जा सके हैं। वर्तमान में वरिष्ठ स्टाफ में 18 प्रतिशत और सीनियर एवं जूनियर रेसीडेंट में भी केवल 23 प्रतिशत की कमी रह गई है। इस कमी को दूर करने के लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में इस प्रकार के आरक्षण का प्रावधान नहीं है।

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