28 August 2009

बिजली कटौती से कम उसके अघोषित होने से ज्यादा परेशान है जनता

सागर/२६ अगस्त/ बुंदेलखण्ड के शहरी एवं खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों मे लगातार की जा रही अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ आंदोलन के तीखे होते स्वरों के मद्‌देनजर संभागायुक्त ने बिजली प्रदाय की समीक्षा बैठक की। जिसमें न केवल आमजनता की मुश्किलों पर विचार किया गया बल्कि पूर्वी क्षेत्र वितरण कंपनी ने भी प्रशासन को अपनी मजबूरियों से अवगत कराया।
संभागीय मुखयालय मे मंगलवार को आयोजित विद्युत प्रदाय समीक्षा बैठक मे संभागायुक्त एसके वेद ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित किए गए समय के मुताबिक ही विद्युत प्रदाय किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि अवर्षा व तापमान के बढ़ने की वजह से बिजली की आपूर्ति व खपत के बीच संतुलन बनाए रखने के विभागीय उपायों के बारे मे आमजनता को लगातार अवगत कराते रहें। तभी उन्हें जन सहयोग मिलना सुनिश्चित हो सकेगा।
अघोषित विद्युत कटौती के मामले मे मप्र विद्युत पारेषण कंपनी एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष एवं सह प्रबंध निदेशक आरके वर्मा ने बताया कि जहां एक ओर कोयले की कमी व सालाना रखरखाव की वजह से ताप विद्युत की उपलब्धता मे कमी आई हैं वहीं गरमी बढ ने की वजह से पिछले वर्ष की तुलना मे इस साल बिजली की खपत ८०० से ९०० मेगावाट बढ गई है। महज अगस्त महीने के पहले २४ दिनों मे ही पिछले साल की तुलना मे ५ फीसदी बिजली की ज्यादा खपत हुई है। जिससे बिजली की मांग व पूर्ति का संतुलन गड बडाया है।
विर्मा ने कहा कि चुंकि बिजली की कमी से करीब-करीब सभी राज्य जूझ रहे हैं ऐसे हालातों मे केन्द्रीय ग्रिड से भी ज्यादा बिजली नहीं ली जा सकती है इन विषम परिस्थितियों मे मांग व आपूर्ति के बीच १५०० व १८०० मेगावाट के अंतर को पाटने की कोशिश मे बिजली की अघोषित कटौती करना एक मजबूरी बन गया है।
इसी के चलते तहसील, जिला मुखयालयों व संभागीय मुखयालयों मे क्रमशः ११, १७ व २१ घण्टे विद्युत आपूर्ति करने का कार्यक्रम बनाया गया है। सीएमडी वर्मा ने इस सिलसिले मे बिजली उपभोक्ताओं से एयर कण्डीशनर, नियोन लैम्प्‌स व अन्य भारी विद्युत उपकरणों का प्रयोग न करने व उत्सवों मे वैध कनेैक्शन से ही बिजली प्रयोग करने की अपील की है। ताकि लोगों को अधिक से अधिक बिजली मुहैया करांई जा सके।
बैठक में अघोषित बिजली कटौती से जूझती आमजनता के पक्ष को रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक अन्वेष मंगलम ने कहा कि नागरिकों मे आक्रोश तभी पैदा होता है जब उन्हें समय पर जानकारी नहीं दी जाती है। उन्होने कहा कि अगर बिजली विभाग जनता को विश्वास मे लेकर तय समय पर बिजली कटौती करेंगें तो इससे जहां एक ओर लोग बिजली कटौती के मुताबिक अपनी दिनचर्या तय कर लेगें व वहीं बिजली के इंतजार मे उनका कीमती समय बर्बाद नहीं होगा।

0 comments:

 
© Media Watch Group-Copyright to Visitors Sagar Watch