मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ स्थानांतरित करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति मिल गई है। प्रदेश के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एचएस पाबला ने बताया कि कल ही केन्द्र से पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ स्थानांतरित करने की अनुमति मिली है।
उल्लेखनीय है कि 542 वर्ग किलोमीटर में फैले पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघों के खत्म होने की पुष्टि के बाद इस साल मार्च में बांधवगढ़ और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से दो बाघिन स्थानांतरित की गई थीं। वहां एक नर बाघ की मौजूदगी का दावा किया गया था लेकिन इसके कुछ दिन बाद वहां देखा गया एकमात्र नर बाघ फिर दोबारा नजर नहीं आया। बाद में पन्ना ले जाई गई दो बाघिनों के गायब होने संबंधी खबरों पर राज्य सरकार को स्पष्टीकरण तक जारी करना पड़ा कि वे वहां मौजूद हैं।
जंगल में विचरण कर रही हैं। अब इन बाघिनों के लिए नर बाघ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार ने राज्य के वन विभाग को अनुमति दे दी है, ताकि टाइगर रिजर्व में प्रजनन के जरिए बाघों की आबादी बढ़ाई जा सके। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की विशेष अन्वेषण टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व में जांच के बाद केन्द्र को हाल ही में सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि शिकार के कारण वहां बाघों की संख्या शून्य हो चुकी है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने कहा कि नर बाघ के स्थानांतरण में केन्द्र के दिशा-निर्देशों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और इस प्रक्रिया के दौरान भारतीय वन्यप्राणी संस्थान का एक जीव विज्ञानी भी मौजूद रहेगा।
जंगल में विचरण कर रही हैं। अब इन बाघिनों के लिए नर बाघ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार ने राज्य के वन विभाग को अनुमति दे दी है, ताकि टाइगर रिजर्व में प्रजनन के जरिए बाघों की आबादी बढ़ाई जा सके। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की विशेष अन्वेषण टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व में जांच के बाद केन्द्र को हाल ही में सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि शिकार के कारण वहां बाघों की संख्या शून्य हो चुकी है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने कहा कि नर बाघ के स्थानांतरण में केन्द्र के दिशा-निर्देशों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और इस प्रक्रिया के दौरान भारतीय वन्यप्राणी संस्थान का एक जीव विज्ञानी भी मौजूद रहेगा।
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