24 June 2009

मप्र का सबसे गंदा शहर है सागर-गौर

भारत मे अगर कानपुर को सबसे गंदा शहर कहा जाता है तो मप्र मे यह स्थित सागर शहर की है। शहर के कुल ४८ वार्डों मे से ४० वार्ड मलिन बस्तियों की श्रेणी मे आते हैं। यह बात नगरीय प्रशासन विभाग की संभागस्तरीय बैठक मे भाग लेने आज सागर आए प्रदेश के शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबू लाल गौर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा पहले १०० कार्यदिवस की योजना के तहत ८० फीसदी काम पूरे कर लेने पर विभाग की तारीफ करते हुए श्री गौर ने कहा कि अगले १०० दिनो की कार्ययोजना में उनकी प्राथमिकताएं नगरीय निकायों के क्षेत्र में जलस्रोतों-कुओं, तालाब व बावड़ियों, खेल के मैदान, बाग-बगीचे का रखरखाव व उनका अतिक्रमण से बचाव व कन्या विद्यालयों व महाविद्यालयों के आसपास लगने वाले चाय-पान के ठेले व गुमटियों को हटाना तथा हर शहर मे एक उत्कृष्ट सड क का निर्माण करना रहेगीं ।
गौर ने बताया की प्रदेश के शहरों को साफ-सुंदर बनाने की दिशा मे शुरुआत मे जिन शहरो का चयन किया गया है उनमें सागर संभाग के पांच शहरों- टीकमगढ जिलें मे टीकमगढ व ओरछा, छतरुपर जिले में नौगांव, व खजुराहो व दमोह जिले में हटा शहर को शामिल किया गया है। इन शहरों को अगले तीन महीनों मे कचरा मुक्त बनाया जाएगा।
प्रदेश के शहरों में गंदगी व आवागमन मे बाधा पैदा करने वाले जानवरों के सिलसिले मे सागर जिले के प्रभारी एवं नगरीय प्रशासन मंत्री श्री गौर ने अगले छह महीनों मे शहरों को जानवरो से मुक्त बनाने का दावा किया। उन्होने कहा कि सभी प्रकार के जानवरों को, दूध डेरियों को शहरी क्षेत्र से बाहर स्थान दिया जाएगा। नगरीय निकायों से लाईसेंस लेकर घरों मे पालतू जानवर रखे जा सकेंगें। लेकिन घर से बाहर ले जाते वक्त उनके गले पर मालिक का नाम लिखा हुआ पट्टा लगाना अनिवार्य होगा।
शहरों मे आवारा कुत्तों की बढ ती आबादी से जुडे सवाल पर उन्होने बताया कि नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकाय क्षेत्र के सभी आवारा कुत्तों को बधियाकरण कराने का निर्णय लिया है।

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