21 June 2009

तेंदूपत्ता उत्पादन वृद्धि के लिए वृक्षारोपण की योजना

मध्यप्रदेश राज्य लघु संघ ने तेंदूपत्ता का उत्पादन बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण, साल बीज का संग्रहण का लक्ष्य 4000 टन करने और औषधीय कच्चे माल की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रसंस्करण केन्द्रों के विस्तार का निर्णय किया है।

संघ के अध्यक्ष विश्वास सारंग ने संघ की वार्षिक बैठक में कहा कि शीघ्र ही तेंदूपत्ता के वृक्षारोपण के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, जिससे संग्राहकों को अपने आसपास के क्षेत्र में भी पत्ते मिलने लगेंगे।
उन्होंने कहा कि संघ की समस्त गतिविधियों को सहकारी आंदोलन के रूप में लेते हुए सार्थक लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना ही हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।
बैठक में तेंदूपत्ता संग्राहकों की सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजना को जारी रखने एवं भारतीय राष्ट्रीय श्रमिक सहकारी संघ मर्यादित नई दिल्ली को संघ के अध्यक्ष को प्रतिनिधि के रुप में रखने की पुष्टि की गई।
बैठक में, दस वर्ष तथा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को क्रमश: 500 रुपए तथा 1000 रुपए विशेष भत्ते के रूप देने की स्वीकृति भी दी गई। यह राशि एक सितम्बर 2008 से देय होगी। संघ के प्रबंध संचालक रमेश के. देव ने बताया कि वर्ष 2009-10 के प्रस्तावित बजट के अनुसार, 342.33 करोड़ रुपए की आय संभावित है। इसमें सभी खर्च काटने के बाद शुद्ध आय करीब 113.21 करोड़ रुपए हो सकती है। यह राशि प्राथमिक समितियों के लिए देय राशि होगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में 20 लाख से अधिक मानक बोरे का तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ है जबकि तेंदूपत्ता संग्राहकों को करीब 90 प्रतिशत से अधिक पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जा चुका है।
दवे ने बताया कि साल बीज संग्रहण का इस वर्ष 4000 टन का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरुद्ध अभी तक लगभग 3000 टन संग्रहण हो चुका है। इस वर्ष की संग्रहित मात्रा पिछले छह साल में अधिकतम पाई गई है।
उन्होंने बताया कि संघ द्वारा औषधीय उत्पादों के वितरण के लिए प्रदेश में संजीवनी विक्रय केन्द्रों की एक श्रृंखला भी स्थापित की जा चुकी है।
राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड की स्वीकृति के अनुसार, कई योजनाएं पूरे प्रदेश में प्रचलित हैं, औषधीय कच्चे माल के उत्पादन में निरंतर प्रगति लाई जा रही है और प्रसंस्करण केन्द्रों का भी विस्तार किया जा रहा है।

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