बुंदेलखण्ड के ग्रामीण अंचलों मे गहराते जल संकट की मार अब लोगों की सेहत पर भी पड़ती नजर आ रही है। जिला मुख्यालय से करीब ७० किलोमीटर दूर सागर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक २६ पर स्थित माल्थौन तहसील के एक गांव मे प्रदूषित जल पीने से दो दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हो गए जबकि दो दलित बालिकाओं की मौत हो गई। जिला कलेक्टर ने मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता मंजूर की है।
प्राप्त जानाकरी के मुताबिक मंगलवार को सागर जिले की मालथौन तहसील की ग्राम पंचायत झोलसी के ग्राम बड ोरिया मे प्रदूषित जल पीने की वजह से दो दर्जन से ज्यादा ग्रामवासियों को उल्टी-दस्त का शिकार हो गए। जबकि गांव की ११ वर्षीय बालिका उमा चढ ार पिता नंदलाल चढ ार व ८ वर्षीय सीमा अहिरवार पिता रामसेवक अहिरवार की मौत हो गई। बीमारों को ईलाज के लिए मालथौन के सामुदायिक चिकित्सा भवन मे भर्ती कराया गया।
खुरई एसडीएम सुदामा पंढरीनाथ के मुताबिक दूषित जल पीने की वजह से दो बालिकाओं की मौत होने की सूचना मिली है। लेकिन गांव मे चिकित्सकों की कॉम्बेट टीम तैनात है। साथ ही गांव के दूषित जल वाले कुंए के पानी के उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई है और बिगड े हैंडपंपों को सुधारा जा रहा है।
सागर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० प्रमोद गोदरे के मुताबिक ग्राम बड ोइया से ग्रामीणों को उल्टी-दस्त होने की शिकायत मिली थी। डॉ० प्रमोद गोयल व डॉ० नीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व में कॉम्बेट टीम के गांव मे तैनात है। गांव मे ओआरएस के पैकिट बांटे जा रहे हैं। अस्पताल मे भर्ती सभी मरीजों की हालात खतरे से बाहर है।
इसी सिलसिले में ग्राम पंचायत के सचिव ओमप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि गांव के हैंडपंप बीते एक माह से खराब हैं। लोकस्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग को सूचना दिए जाने के बावजूद भी इन्हें अबतक सुधारा नहीं गया है। हैंडपंप खराब होने से गांव में एक मात्र शेष बचे जलस्रोत कुंए से ही लोग अपना काम चला रहे थे। लेकिन कुंए के पानी के भी प्रदूषित हो जाने की वजह से ही यह हादसा हो गया।
गौरतलब है कि गांव वालों के मुताबिक वर्ष २००४ मे भी कुंए का पानी प्रदूषित हो गया था। जिससे गांव मे हैजा फैलने से चार लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी किसी भी ओर से कुंए की साफ-सफाई के प्रयास नहीं किए गए।
घटना के दूसरे दिन आज जिला कलेक्टर ने भी पीड़ितों के गांव का दौरा किया। कलेक्टर ने गांव बड ोइया मे दूषित पानी पीने से मृत बालिकाओं के परिजनों को दो-दो हजार रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर की है व पीडि तों के हालचाल जानें। साथ ही पीएचई विभाग को गांव के हैंडपंप सुधारने के निर्देश दिए।
प्राप्त जानाकरी के मुताबिक मंगलवार को सागर जिले की मालथौन तहसील की ग्राम पंचायत झोलसी के ग्राम बड ोरिया मे प्रदूषित जल पीने की वजह से दो दर्जन से ज्यादा ग्रामवासियों को उल्टी-दस्त का शिकार हो गए। जबकि गांव की ११ वर्षीय बालिका उमा चढ ार पिता नंदलाल चढ ार व ८ वर्षीय सीमा अहिरवार पिता रामसेवक अहिरवार की मौत हो गई। बीमारों को ईलाज के लिए मालथौन के सामुदायिक चिकित्सा भवन मे भर्ती कराया गया।
खुरई एसडीएम सुदामा पंढरीनाथ के मुताबिक दूषित जल पीने की वजह से दो बालिकाओं की मौत होने की सूचना मिली है। लेकिन गांव मे चिकित्सकों की कॉम्बेट टीम तैनात है। साथ ही गांव के दूषित जल वाले कुंए के पानी के उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई है और बिगड े हैंडपंपों को सुधारा जा रहा है।
सागर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० प्रमोद गोदरे के मुताबिक ग्राम बड ोइया से ग्रामीणों को उल्टी-दस्त होने की शिकायत मिली थी। डॉ० प्रमोद गोयल व डॉ० नीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व में कॉम्बेट टीम के गांव मे तैनात है। गांव मे ओआरएस के पैकिट बांटे जा रहे हैं। अस्पताल मे भर्ती सभी मरीजों की हालात खतरे से बाहर है।
इसी सिलसिले में ग्राम पंचायत के सचिव ओमप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि गांव के हैंडपंप बीते एक माह से खराब हैं। लोकस्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग को सूचना दिए जाने के बावजूद भी इन्हें अबतक सुधारा नहीं गया है। हैंडपंप खराब होने से गांव में एक मात्र शेष बचे जलस्रोत कुंए से ही लोग अपना काम चला रहे थे। लेकिन कुंए के पानी के भी प्रदूषित हो जाने की वजह से ही यह हादसा हो गया।
गौरतलब है कि गांव वालों के मुताबिक वर्ष २००४ मे भी कुंए का पानी प्रदूषित हो गया था। जिससे गांव मे हैजा फैलने से चार लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी किसी भी ओर से कुंए की साफ-सफाई के प्रयास नहीं किए गए।
घटना के दूसरे दिन आज जिला कलेक्टर ने भी पीड़ितों के गांव का दौरा किया। कलेक्टर ने गांव बड ोइया मे दूषित पानी पीने से मृत बालिकाओं के परिजनों को दो-दो हजार रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर की है व पीडि तों के हालचाल जानें। साथ ही पीएचई विभाग को गांव के हैंडपंप सुधारने के निर्देश दिए।
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