पन्ना में बाघों की समाप्ति के दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई से भले राज्य सरकार बच रही हो लेकिन पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की मौजूदगी को लेकर वह चिंतित दिखाई पड़ रही है। यही कारण है, वन्य प्राणी संरक्षण की समीक्षा करते हुए गुरुवार को वन राज्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि पन्ना पहुंचाई गई बाघिनों के लिए नर बाघ लाने की कार्रवाई तेजी से की जाए।
हालांकि यह काम आसान नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण कह चुका है, जब तक बाघों की सिफ्टिंग के लिए प्रोटोकाल का पालन नहीं होता तब तक यह काम नहीं किया जा सकता। बाघिनों की सिफ्टिंग में इसका पालन न किए जाने पर प्राधिकरण ने आपत्ति उठाई थी। फिलहाल इस संबंध में मानक तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। इसलिए बाघ की सिफ्टिंग के लिए प्राधिकरण से अनुमति मिलने में संदेह है। मजेदार बात यह है कि श्री शुक्ला ने अधिकारियों को किसी भी गलती के लिए दोषी नहीं ठहराया बल्कि कहा कि वन्यप्राणी संरक्षण के काम में तेजी लाते हुए ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे यह संदेश प्रसारित हो कि प्रदेश सरकार वन्यप्राणी संरक्षण के प्रति गंभीर और प्रतिबद्घ है। बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रशांत मेहता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ। पीबी गंगोपाध्याय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. एचएस पाबला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
श्री शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में पुलिस विभाग से चर्चा कर तत्काल आगे की कार्यवाही की जाए।
न्होंने बताया कि इस फोर्स की कंपनियां कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच राष्ट्रीय उद्यान में तैनात होंगी। उन्होंने कहा कि वन्यप्राणियों के शिकार के लिए कुछ समुदायों तथा अपराधी तत्वों द्वारा वनों में ट्रेप, फंदा आदि लगाए जाते हैं। इनको पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जाए।
न्यप्राणियों द्वारा फसल हानि किए जाने पर ¨चता व्यक्त करते हुए वन राज्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस बात का आंकलन किया जाए कि हर साल वन्यप्राणियों द्वारा कितनी फसलों का नुकसान किया जाता है। पूर्व में सरकार द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान करने वाले प्राणियों को मारने के नियम बनाए गए थे।
इस प्रक्रिया की समीक्षा की जाए। श्री शुक्ल ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय उद्यानों में जहां वन्यप्राणी चिकित्सक पदस्थ नहीं हैं वहां उनकी भर्ती के संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाए। बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) डॉ. एचएस पाबला ने वन्यप्राणी संरक्षण गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।
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