मध्यप्रदेश में दूसरे चरण में १६ संसदीय क्षेत्रों के लये आगामी ३० अप्रैल को होने वाले मतदान में २ करोड़ ८ लाख ८९ हजार ७९७ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इनमें से १ करोड़ १० लाख ९८ हजार ७८० पुरूष और ९७ लाख ९१ हजार ०१७ महिलायें हैं। उल्लेखनीय हैं कि दूसरे चरण में कुल २३१ उम्मीदवार चुनाव के मैदान में किस्मत आजमा रहें हैं।
उपरोक्त मतदातों में से ९४.५ फीसदी को फोटोयुक्त मतदाता परिचय पत्र वितरित किये जा चुके हैं। दूसरे चरण के मतदान के लिये २५ हजार ९८६ मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। इनमें से २५,६३५ मुख्य तथा ३५३ सहायक मतदान केन्द्र हैं। इस मतदान के लिये १६ रिटर्निंग आफीसर और १२८ सहायक रिटर्निंग अफसर अधिसूचित किये गये हैं। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिये ३ हजार ७७६ माइक्रोआब्जर्वर नियुक्त किये गये हैं।
निर्वाचन के दूसरे चरण में मतदान के लये ३७ हजार २२२ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग किया जायेगा। इन मशीनों की जाँच और रेडमाइजोंन का काम पूरा हो चुका है। मतदातादाओं सुविधा के लिये हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई हैं। मतदाताओं के प्रश्नों तथा जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिये वेबसाईट, कॉलसेंटर और एसएमएस आधारित व्यवस्था २ अप्रैल से ही लागू कर दी गई हैं।
वेबसाईट में सर्च इंजन की सुविधा हैं जिसका मतदाता लाभ उठा सकते हैं। राज्य स्तरीय एजेंसी द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिये एसएमएस गेट वे पोलिंग साफ्टवेयर विकसत किया गया है। एसएमएस व्यवस्था के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र, मतदान केन्द्रों, मतदाता सूची मे क्रमांक, मतदाता केन्द्र की स्थित तथा पता देने की व्यवस्था मतदाता के पहचान पत्र क्रमांक के आधार पर की गई हैं।
निर्वाचन के दूसरे चरण में मतदान के लये ३७ हजार २२२ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग किया जायेगा। इन मशीनों की जाँच और रेडमाइजोंन का काम पूरा हो चुका है। मतदातादाओं सुविधा के लिये हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई हैं। मतदाताओं के प्रश्नों तथा जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिये वेबसाईट, कॉलसेंटर और एसएमएस आधारित व्यवस्था २ अप्रैल से ही लागू कर दी गई हैं।
वेबसाईट में सर्च इंजन की सुविधा हैं जिसका मतदाता लाभ उठा सकते हैं। राज्य स्तरीय एजेंसी द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिये एसएमएस गेट वे पोलिंग साफ्टवेयर विकसत किया गया है। एसएमएस व्यवस्था के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र, मतदान केन्द्रों, मतदाता सूची मे क्रमांक, मतदाता केन्द्र की स्थित तथा पता देने की व्यवस्था मतदाता के पहचान पत्र क्रमांक के आधार पर की गई हैं।
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