दलबदल की देश भर मे बह रही बयार का मप्र के बुंदेलखण्ड मे भी खासा असर दिखने लगा है। यहां टिकिट नहीं मिलने से खफा कांग्रेस, सपा व बसपा के नेताओं के बीच भाजपा मे शामिल होने की जो होड़ चल रही है। अब उसमे पार्टी का टिकिट हासिल कर चुके नेता भी शामिल हो गए है।
बहुजन समाज पार्टी द्वारा सागर लोकसभा सीट के प्रत्याशी घोषित किए जा चुके शैलेष वर्मा ने मंगलवार को भाजपा की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता में बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने व भाजपा मे शामिल होने की घोषणा की है। इस मौके पर सागर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी व प्रदेश महामत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर व जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र जैन ने बसपा प्रत्याशी वर्मा के करीब आधा दर्जन समर्थकों के साथ भाजपा शामिल होने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे भाजपा की विकास की नीति की जीत बताया।
बसपा पर वर्ग विशेष की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा मे शामिल हुए बसपा प्रत्याशी वर्मा ने पत्रकारों के सवाल का जवाब में बताया कि सर्वसमाज को साथ लेकर चलने का बसपा का नारा खोखला है। उसकी कथनी व करनी मे अंतर है। पार्टी की वर्तमान गतिविधियां समाज विरोधी ज्यादा हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि बसपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा टिकिट देने की आड में की जाने वाली अवैध वसूली से वे सबसे ज्यादा आहत हैं। हालंकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनसे कितनी रकम मांगी गई है पर उनके एक समर्थक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि सभी प्रत्याशियों से करीब करीब बराबर रकम मांगी जा रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में टीकमगढ से बसपा के प्रत्याशी घोषित हुए ग्यादीन अहिरवार ने भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर २५ लाख रुपए मांगे जाने का आरोप लगाया था। जिसके चलते उन्हें पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप मे निष्काषित भी कर चुकी है।
बसपा को छोड कर भाजपा मे शामिल होने वाले शैलेष वर्मा पहले पहले नेता नहीं हैं। हाल ही में छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा सीट पर बसपा के टिकिट पर चुनाव लड चुके बुंदेलखण्ड के दमदार किसान नेता माने जाने वाले शंकरप्रताप सिंह मुन्ना राजा भी अपने सैकडों समर्थकों के साथ भाजप मे शामिल हो चुके हैं।
बसपा पर वर्ग विशेष की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा मे शामिल हुए बसपा प्रत्याशी वर्मा ने पत्रकारों के सवाल का जवाब में बताया कि सर्वसमाज को साथ लेकर चलने का बसपा का नारा खोखला है। उसकी कथनी व करनी मे अंतर है। पार्टी की वर्तमान गतिविधियां समाज विरोधी ज्यादा हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि बसपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा टिकिट देने की आड में की जाने वाली अवैध वसूली से वे सबसे ज्यादा आहत हैं। हालंकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनसे कितनी रकम मांगी गई है पर उनके एक समर्थक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि सभी प्रत्याशियों से करीब करीब बराबर रकम मांगी जा रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में टीकमगढ से बसपा के प्रत्याशी घोषित हुए ग्यादीन अहिरवार ने भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर २५ लाख रुपए मांगे जाने का आरोप लगाया था। जिसके चलते उन्हें पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप मे निष्काषित भी कर चुकी है।
बसपा को छोड कर भाजपा मे शामिल होने वाले शैलेष वर्मा पहले पहले नेता नहीं हैं। हाल ही में छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा सीट पर बसपा के टिकिट पर चुनाव लड चुके बुंदेलखण्ड के दमदार किसान नेता माने जाने वाले शंकरप्रताप सिंह मुन्ना राजा भी अपने सैकडों समर्थकों के साथ भाजप मे शामिल हो चुके हैं।
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