लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के चलते मध्यप्रदेश राज्य द्वारा मदिरा दुकानों के आवंटन तथा थोक मदिरा विक्रय के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी गयी थी। आयोग ने इस संबंध में सभी राज्यों के लिए एक नीति तय कर दी है।
इस नीति के अनुसार, जहां वर्तमान आबकारी कानूनों में राज्य सरकार अथवा उसके अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष के आगे अंतरिम व्यवस्था करने के अधिकार हैं, वहां नियमित व्यवस्था को लंबित रखते हुए संबंधित ठेकेदारों/दुकानदारों के साथ वर्तमान शर्तों पर अंतरिम व्यवस्था की जा सकती है।
इसी तरह, जिन राज्यों में वर्तमान आबकारी कानूनों में इस तरह का प्रावधान, वहां राज्य सरकारें गले वित्तीय वर्ष के लिए नये लायसेंस/ठेके देने के लिए वर्तमान कानूनों के अनुरुप ही विगत वर्ष अपनायी गयी सामान्य प्रक्रिया के द्वारा आवंटन कर सकती हैं।
आयोग ने यह नीति इस बात को ध्यान में रखकर तय की है कि हर राज्य में अलग- अलग आबकारी कानून और नीतियां लागू हैं तथा उक्त कार्यवाई न होने से राज्य सरकारों को काफी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ता।
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