भोपाल के बाद सागर संभाग की आरक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया भी धांधली के आरोपों के घेरे मे आ गई है। इस मामले में पीड़ित आवेदक की याचिका पजबलपुर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन ने मंगलवार को सुनवाई के बाद स्थगन आदेश जारी कर दिए हैं। इस संबंध मे अगली सुनवाई दो अप्रेल को होगी।
उच्च न्यायालय में चयन से वंचित किए गए पन्ना जिले के निवासी आवेदक सुरेश पटेल ने 25 फरवरी को याचिका दाखिल की थी। जिसमें गृह सचिव मप्र शासन, पुलिस महानिरीक्षक सागर वृत केएन तिवारी, पन्ना पुलिस अधीक्षक व सागर के पुलिस अधीक्षक योगेश चौधरी को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि आवेदक, भर्ती प्रक्रिया में विभिन्न चरणों मे पास होकर के जब 21 फरवरी को साक्षात्कार के लिए पहुंचा तब उसका साक्षात्कर नहीं लिया बल्कि शारीरिक नाप:-तौल के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया
उल्लेखनीय है कि इस घटना के विरोध मे आवेदक ने सागर के पुलिस महानिरीक्षक व उप महाननिरीक्षक को भी ज्ञापन सौंपा था। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई इसीलिए उसने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने याचिका दाखिल की जिस पर सुनवाई कर मंगलवार को न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन ने सागर संभाग की पुलिस भर्ती पर रोक लगा दी है।
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