12 February 2009

वक्फ बोर्ड धार्मिक संस्था नहीं है।- अध्यक्ष मप्र वक्फ बोर्ड

मप्र में वक्फ की वो सारी संपत्तियां विवादित हैं जो मुनाफेदार है। यह बात मप्र वक्फ कमेटी के अध्यक्ष गुफरान-ए- आजम ने सागर मे पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। वे सागर संभाग मे मौजूद वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का मुआयना करने सागर आए हुए थे। उन्होने इस दौरान शमशाबाद, कुरवई, सिरोंज सागर जिले का दौरा कियां।

वक्फ की संपत्तियों पर होने वाले बेजा कब्जे व उसे हटाने मे प्रशासन व स्थानीय लोगों द्वारा रूचि नहीं लिए जाने की वजह उन्होने वक्फ के बारे मे लोगों की पर्याप्त जानकारी नहीं होने को बताया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व मप्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री आजम ने बताया कि वक्फ के अर्थ होता है दान। लोगों द्वारा समाज के कमजोर तबकों व जरूरतमंदो की मदद के लिए किया गया संपत्ति का दान। वक्फ बोर्ड का काम ऐसी संपत्तियों की देखभाल करना जिससे दानदाताओं की इच्छा के मुताबिक जरूरतमंदों को मदद मिलती रही।
वक्फ बोर्ड की बारे मे चर्चा करते हुए प्रदेश के वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री आजम ने बताया कि बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि वक्फ मुसलमानों की संस्था है और इसे समाज के ही लोग चलाते हैं। जबकि ऐसा नहीं वक्फ का गठन संसद मे बने कानून के तहत हुआ है। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़ मामलों को देखने के लिए सरकार ने एक विशिष्ट अधिकारी नियुक्त किया है जिसके पास मजिस्ट्रीयल अधिकार होते हैं। जिला प्रशासन इस अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णयों को मानने के लिए बाध्य होता है।
वक्फ की संपत्तियों के बारे मे किए गए कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुए श्री आजम ने बताया कि सन 1955 मे एक आयोग गठित किया गया था। जिसने वक्फ से संबंधित सारी जमीनों का सर्वेक्षण कर अपना प्रतिवेदन सौंपा था। प्रतिवेदन मे उल्लेखित जमीनों से संबंधित तमाम दावों-प्रतिदावों के निराकरण के बाद सरकार ने आयोग की रपट को गजट मे प्रकाशित किया था। तभी से वक्त संपत्तियों से जुड़े़ मामलों मे गजट मे वर्णित जानकारी व वक्फ बोर्ड के कानूनों के तहत ही मामलों का निराकरण किया जाता हैं। वक्फ न्यायाधिकरण के निर्णयों को अदालतों मे भी चुनौती नहीं दी जा सकती है।
वक्फ समितियों मे अयोग्य और भ्रष्ट लोगों के प्रवेश करने की बात को स्वीकारते हुए श्री आजम ने कहा कि हालांकि वक्फ कानून कहता है कि ऐसे लोग वक्फ समितियों के सदस्य नहीं बन सकते है जिनका चाल चलन ठीक न हो, जो वक्फ संपत्त्यिों के किराएदार हों, जिनपर वक्फ की संपत्तियों मे हेरफेर करने का आरोप हो व जिनके खिलाफ अदालत मे मामले चल रहे हों लेकिन असल मे हालात कुछ और ही हैं।

0 comments:

 
© Media Watch Group-Copyright to Visitors Sagar Watch