27 February 2009

मेले अतीत की याद और भव‍िष्य को संवारने का मौका देते हैं - श्री रोहाणी

सागर जले के गढ़ाकोटा नगर में २०० वर्षो से अधिक समय पूर्व से लगने वाले ऐतिहासिक बुंदेली परंपरा के ''रहस मेले'' का आज मध्यप्रदेश के िधानसभा के अध्यक्ष श्री ईश्वरदास रोहाणी और कृषि मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरया ने शुभारंभ किया। पंचायत एवं ग्रामीण िकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में इस पारम्परिक रहस मेले के साथ कृषक सम्मेलन, पंचायतीराज सम्मेलन और संस्कृति महोत्सव के त्रिदवसीय आयोजन के शुभारंभ अवसर पर अनेक जनप्रतिनधि, बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।

समारोह में व‍िधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी ने कहा क मेला हमें अतीत की याद कराने के साथ भव‍िष्य को संवारने का मौका देता है। मेले में वर्षो से बछड़ों का म‍िलन भी होता है। क‍िन्तु आज समाज से मेला आयोजनों की संख्या घटी है, लोग अब एकांगी हो चले है। हमें अपनी परंपरा, संस्कृत‍ि और पूर्वजों से शिक्षा लेकर अपने भव‍िष्य को संवारने की जरूरत है। व‍िधानसभा अध्यक्ष ने बुन्देलखण्ड अंचल के लोगों द्वारा महाराजा मर्दनसिंह द्वारा प्रारंभ की गई इस परंपरा को जीवन्त करने के ल‍िये स्थानीय मंत्री श्री गोपाल भार्गव के साथ यहां के आम आदमी की प्रशंसा की ज‍िन्होंने पुरातन परंपरा को संजोये रखा। आपने गढ़ाकोटा के अमर शहीद स्व. श्री साबूलाल जी के प्रत‍ि श्रृद्वांजली भी अर्पित की।
समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण वकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा क बुन्देलखण्ड और महाकौशल अंचल जीवन्तता का प्रतीक है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में रहस मेले अपनी परम्परा और संस्कृत‍ि को संवारने का काम कर रहे हैं। श्री भार्गव ने कहा क मै जब तक जीवत हूं कोई आर्थिक सहयोग म‍िले या ना म‍िले सतत्‌ रूप से इस रहस मेले के आयोजन को और भव्य बनाने के प्रयास करता रहूंगा।
शुभारंभ अवसर पर तराना सांस्कृत‍िक मंच जबलपुर की नन्ही कलाकारों ने स्वागत वंदना प्रस्तुत की। समारोह में दमोह के श्री नवप्रभार न‍िगम और पंचायत समाज सेवा के कला पथक दल के कलाकारों के साथ अनेक सांस्कृतक दलों ने भी अपनी सांस्कृत‍िक प्रस्तुत‍ियां दी।



0 comments:

 
© Media Watch Group-Copyright to Visitors Sagar Watch