प्रदेश के 34 जिले ऐसे हैं जहां 30 फीसदी से कम बारिश की वजह से जल संकट गहरा रहा है लेकिन सागर संभाग में पेयजल के स्थिति संतोष जनक है। संभाग के सभी जिलों के कार्यकारी अभियंताओं को मौजूदा जल स्रोतों को दुरूस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। पेयजल संकट गहराने पर विभाग आम जन को पानी मुहैया कराने के हर संभव उपाय करेगा। इन उपायों के अमल में किसी भी रुप मे धनराशि की कमी आड़े नहीं आएगी। यह बात पहली बार सागर संभाग के दौरे पर आए मप्र के जल संसाधन एवं संहकारिता मंत्री गौरीशंकर विसेन ने मंगलवार को विश्राम गृह मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे कही।
प्रदेश मे गहरा रहे जल संकट के सिलसिले में प्रदेश के संभागों के दौरे पर निकले जल संसाधन मंत्री का सागर आखरी पड़ाव था। उन्होनें संभाग के सभी जिलों- छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना व सागर के जल संसाधन विभाग के कार्यकारी अभियंताओं से चर्चा कर संभाग मे मौजूदा जल स्रोतों व गर्मी बढ़ने से पैदा हो रहे सूखे के हालातों से निपटने के सिलसिले मे विभाग की तैयारियों की समीक्षा की।
सूखे से निपटने के लिए विभाग की रणनीति से जुड़े सवाल के जवाब मे श्री बिसेन ने बताया कि संभाग के सभी जिलों की नलजल योजनाओं व हैंडपंपों की मौजूदा हालातों की बिंदुवार समीक्षा की गई है। नलजल योजनाओं के संचालन मे कुछ खामियों पाईं गईं है। जिन्हें जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा। बंद पड़े हैंडंपंपों को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। सूखे से प्रभावित होने वालों गांवों व नगरों मे निर्धारित संख्या से ज्यादा हैंडपंपों के खनन की अनुमति दी जाएगी। उनकी गहराई पर नजर रखने के लिए एक विशेष समिति को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। जिसमें जिला पंचायत के मुख्य कार्यापालन अधिकारी, स्थानीय विधायक व अंत्योदय समिति के अध्यक्ष सदस्य होगें।
इसके अलावा जल संकट संबंध मे हालातों पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ हर माह बैठक करने व जिला मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी बैठकें लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भी जारी रखीं जाएगीं।
सहकारिता से जुड़े सवाल पर सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने बताया कि प्रदेश के सभी 38 सहकारिता बैंकों के कर्मचारियों को पांचवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा रहा है। इस सिलसिले में 12 जनवरी को आदेश जारी हो हुए हैं लेकिन लाभ एक जनवरी 09 से दिया जाएगा। सागर के संकटग्रस्त जिला सहकारिता बैंक के बारे मे उन्होने ने बताया कि जल्द ही बैक सामान्य बैंकों की भांति काम करने लगेगा।
सूखे से निपटने के लिए विभाग की रणनीति से जुड़े सवाल के जवाब मे श्री बिसेन ने बताया कि संभाग के सभी जिलों की नलजल योजनाओं व हैंडपंपों की मौजूदा हालातों की बिंदुवार समीक्षा की गई है। नलजल योजनाओं के संचालन मे कुछ खामियों पाईं गईं है। जिन्हें जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा। बंद पड़े हैंडंपंपों को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। सूखे से प्रभावित होने वालों गांवों व नगरों मे निर्धारित संख्या से ज्यादा हैंडपंपों के खनन की अनुमति दी जाएगी। उनकी गहराई पर नजर रखने के लिए एक विशेष समिति को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। जिसमें जिला पंचायत के मुख्य कार्यापालन अधिकारी, स्थानीय विधायक व अंत्योदय समिति के अध्यक्ष सदस्य होगें।
इसके अलावा जल संकट संबंध मे हालातों पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ हर माह बैठक करने व जिला मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी बैठकें लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भी जारी रखीं जाएगीं।
सहकारिता से जुड़े सवाल पर सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने बताया कि प्रदेश के सभी 38 सहकारिता बैंकों के कर्मचारियों को पांचवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा रहा है। इस सिलसिले में 12 जनवरी को आदेश जारी हो हुए हैं लेकिन लाभ एक जनवरी 09 से दिया जाएगा। सागर के संकटग्रस्त जिला सहकारिता बैंक के बारे मे उन्होने ने बताया कि जल्द ही बैक सामान्य बैंकों की भांति काम करने लगेगा।
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