मप्र के सबसे पुराने विश्वविद्यालय-डॉ० हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के लिए सर्वदलीय नगारिक संघर्ष मोर्चा ने चील पहाड़ी से सागर तक की पदयात्रा।
राज्य सरकार ने नए शिक्षा सत्र से गांव व शहर के मे पढ़ने जाने वाली 9 से 12 वीं की कक्षाओं तक की छात्राओं को छात्रावास की सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके पहले तक यह सुविधा केवल आठवीं कक्षा की छात्राओं को ही मुहैया हो रही थी।
अधिकांश गांवों मे माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूल नहीं होने की वजह से बालिकांए को आगे की शिक्षा हासिल करने के लिए शहर जाना पड़ता था। इसके चलते वे प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद पढ़ाईं छोड़ देती थीं। अभिभावक भी शहरों मे आवास की समस्या की वजह से बालिकाओं को शहरों मे पढ़ाई के लिए भेजने मे रूचि नहीं लेते थे।
मानव संसाधन विभाग मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पिछड़े विकासखंड मुख्यालयों पर मॉडल स्कूलों और शासकीय हाईस्कूल एवं हायरसेकण्डरी कक्षा की छात्राओं के लिए कन्या छात्रावास की योजना बनाई गई है। इसके तहत सागर जिले में सात छात्रावास बनाए जाने हैं।
इनका निर्माण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कन्या छात्रावास के परिसर मे ही किया जाएगा। जहां पर्याप्त जमीन नहीं होगी तो अन्य नजदीकी विकासखण्ड या गांव में छात्रावास बनाया जाएगा। प्रत्येक विकास खण्ड मे मॉडल स्कूल के लिए 5 से 10 एकड़ और छात्रावास के लिए 13,670 वर्ग फीट जमीन निर्धारित की गई है। विभाग दोनों का प्लान बनाकर भोपाल भेज चुका है। सरकार ने प्रत्येक छात्रावास के लिए 60 लाख रूपए की राशि मंजूर भी कर दी है।
इस सिलसिले मे आदिम जाति कल्याण विभाग के डीईओ आरएन शुक्ला ने बताया कि योजना तो सात छात्रावास और एक मॉडल स्कूल बनाने की है। हमने प्रस्ताव सभी विकासखण्ड मे भेज दिया है। कोशिश करेंगें के सभी विकासखण्ड के लिए योजना मंजूर हो जाए।
अधिकांश गांवों मे माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूल नहीं होने की वजह से बालिकांए को आगे की शिक्षा हासिल करने के लिए शहर जाना पड़ता था। इसके चलते वे प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद पढ़ाईं छोड़ देती थीं। अभिभावक भी शहरों मे आवास की समस्या की वजह से बालिकाओं को शहरों मे पढ़ाई के लिए भेजने मे रूचि नहीं लेते थे।
मानव संसाधन विभाग मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पिछड़े विकासखंड मुख्यालयों पर मॉडल स्कूलों और शासकीय हाईस्कूल एवं हायरसेकण्डरी कक्षा की छात्राओं के लिए कन्या छात्रावास की योजना बनाई गई है। इसके तहत सागर जिले में सात छात्रावास बनाए जाने हैं।
इनका निर्माण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कन्या छात्रावास के परिसर मे ही किया जाएगा। जहां पर्याप्त जमीन नहीं होगी तो अन्य नजदीकी विकासखण्ड या गांव में छात्रावास बनाया जाएगा। प्रत्येक विकास खण्ड मे मॉडल स्कूल के लिए 5 से 10 एकड़ और छात्रावास के लिए 13,670 वर्ग फीट जमीन निर्धारित की गई है। विभाग दोनों का प्लान बनाकर भोपाल भेज चुका है। सरकार ने प्रत्येक छात्रावास के लिए 60 लाख रूपए की राशि मंजूर भी कर दी है।
इस सिलसिले मे आदिम जाति कल्याण विभाग के डीईओ आरएन शुक्ला ने बताया कि योजना तो सात छात्रावास और एक मॉडल स्कूल बनाने की है। हमने प्रस्ताव सभी विकासखण्ड मे भेज दिया है। कोशिश करेंगें के सभी विकासखण्ड के लिए योजना मंजूर हो जाए।
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