बुंदेलखण्ड में पिछले कुछ वर्षों मे अनुसूचित जाति एव जनजाति वर्ग लोगों पर हुई अत्याचार की घटनाओं में छह दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि अन्य गंभीर प्रताड़ना का शिकार हुए हैं। अब तक प्रशासन ने अत्याचार के 500 से ज्यादा मामलों का निपटारा कर पीड़तों को राहत के रुप में 90 लाख से ज्याद की आर्थिक मदद व आधा सैकड़ा अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान की हैं। इस बात का खुलासा शुक्रवार को सागर मकमिश्नर कार्यालय मे आयोजित संभाग स्तरीय सतर्कता एवं क्रियांवयन-अनुश्रवण समििकी बैठक मे हुआ।
बैठक मे सागर के कमिश्नर श्री एलएस बघेल ने अपने उदबोधन में एक ऐसे अभियान चलाए जाने की जरुरत बताई जिससे अंचल में भाईचारे का माहौल बन सके जो अत्याचार होने की संभावनाएं न्यूनतम कर सकें। उन्होने शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि समिति की मासिक एवं त्रैमासिक बैठकें अनिवार्य रुप से होनी चाहिए। जिससे किसी भी प्रकार के प्रकरण बैठकों के अभाव मे निराकरण के लिए लंबित न रह सकें।
बैठक की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मप्र आकस्मिकता योजना अत्याचार निवारण योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2008-09 के पहले 9 महीनों के अंदर 515 प्रकरणों को निपटाकर 9729 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है व 48 को अंनुकंपा नियुक्ति दी गई है। कुल निपटाए गए प्रकरणें मे से अनुसूचित जाति से संबं# 437 प्रकरणों मे 7628 लाख जबकि अनुसूचित जनजाति से संबं# मामलों म ें2101 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है।
इन 515 प्रकरणों में सबसे ज्यादा 244 मामले छतरपुर जिले से व सबसे कम 36 मामले पन्ना जिले के हैं। जबकि टीकमगढ़ जिले के 59, दमोह जिले से 61 व सागर जिले से 115 प्रकरण शामिल हैं। इन प्रकरणों के निपटारे मे छतरपुर जिले मे 3013 लाख रुपए, सागर जिले में 2725, दमोह में 2347, टीकमगढ़ में 950 व पन्ना जिलें में 694 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है।
सागर संभाग के कमिश्नर श्री बघेल के मुताबिक संभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जिन 93 नागरिकों की हत्याएं विगत वर्षों में हुईं हैं उनमे से 48 परिवारों के एक-एक सदस्यों को पिछले 9 महीनों मे अनुकंपा नियुक्तियां दे दीं गईं हैं। इसके अलावा दस और अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरणों पर कार्यवाही जारी है। लेकिन शेष 35 मामलों में पीड़ि.त परिवारजनों को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने की वजह से प्रकरणों को नस्तीब# कर दिया गया है।
जिन 48 लोगों को अंनुकंपा नियुक्तियां दी गईं हैं उनमें से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मामले क्रमश: 29 व 19 है। नियुक्ति प्राप्त करने वालें लोगों मे दमोह जिले से 22, सागर जिले से 11, पन्ना जिले से 11 व टीकमगढ़ जिले से 4 लोग हैं
पुलिस महानिरीक्षक श्री केएन तिवारी, सागर जिला कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी, टीकमगढ़ कलेक्टर केपी राही, पन्ना जिला कलेक्टर एम सेलवेन्द्र व सागर जिले के पुलिस अधीक्षक योगेश चौधरी के सहित समिति के सदस्य गण मौजूद थे।
बैठक की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मप्र आकस्मिकता योजना अत्याचार निवारण योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2008-09 के पहले 9 महीनों के अंदर 515 प्रकरणों को निपटाकर 9729 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है व 48 को अंनुकंपा नियुक्ति दी गई है। कुल निपटाए गए प्रकरणें मे से अनुसूचित जाति से संबं# 437 प्रकरणों मे 7628 लाख जबकि अनुसूचित जनजाति से संबं# मामलों म ें2101 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है।
इन 515 प्रकरणों में सबसे ज्यादा 244 मामले छतरपुर जिले से व सबसे कम 36 मामले पन्ना जिले के हैं। जबकि टीकमगढ़ जिले के 59, दमोह जिले से 61 व सागर जिले से 115 प्रकरण शामिल हैं। इन प्रकरणों के निपटारे मे छतरपुर जिले मे 3013 लाख रुपए, सागर जिले में 2725, दमोह में 2347, टीकमगढ़ में 950 व पन्ना जिलें में 694 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है।
सागर संभाग के कमिश्नर श्री बघेल के मुताबिक संभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जिन 93 नागरिकों की हत्याएं विगत वर्षों में हुईं हैं उनमे से 48 परिवारों के एक-एक सदस्यों को पिछले 9 महीनों मे अनुकंपा नियुक्तियां दे दीं गईं हैं। इसके अलावा दस और अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरणों पर कार्यवाही जारी है। लेकिन शेष 35 मामलों में पीड़ि.त परिवारजनों को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने की वजह से प्रकरणों को नस्तीब# कर दिया गया है।
जिन 48 लोगों को अंनुकंपा नियुक्तियां दी गईं हैं उनमें से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मामले क्रमश: 29 व 19 है। नियुक्ति प्राप्त करने वालें लोगों मे दमोह जिले से 22, सागर जिले से 11, पन्ना जिले से 11 व टीकमगढ़ जिले से 4 लोग हैं
पुलिस महानिरीक्षक श्री केएन तिवारी, सागर जिला कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी, टीकमगढ़ कलेक्टर केपी राही, पन्ना जिला कलेक्टर एम सेलवेन्द्र व सागर जिले के पुलिस अधीक्षक योगेश चौधरी के सहित समिति के सदस्य गण मौजूद थे।
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