मप्र सरकार ने असहाय लोगों की घर-गृहस्थी बसाने की एक अनूठी योजना शुरू की है। नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन नाम की इस योजना के तहत सरकार 40 फीसदी या उससे अधिक विकलांगता वाले युवक-युवतियों की शादी के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 25 हजार रूपए की राशि व प्रमाण-पत्र देती है। इसके अलावा अगर यह विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह मे शामिल होकर करते है तो वर-वधु को नई गृहस्थी शुरू करने के लिए 5 हजार रूपए की सामग्री अलग से दी जाती है।
प्रदेश सरकार की इस जनकल्याण योजना का लाभ लेने की के लिए वे युवक-युवती ही पात्र हैं जो दोनों या दोनों मे से एक कोई 40 फीसदी या इससे अधिक विकलांग है। प्रोत्साहन राशि पाने के लिए हितग्राहियों को निर्धारित प्रारूप मे एक आवेदन अपने गृह जिले के संयुक्त या उप संचालक, सामाजिक न्याय के देना होगा। आवेदन के साथ उनकी विकलांगता की पुष्टि करने वाला डाक्टरी प्रमाणपत्र, विवाह संबंधी विवरण, वर-वधु का हस्ताक्षरित शपथ पत्र व शादी के फोटो भी संलग्न होने चाहिए।
इस योजना का दुरूपयोग न हो सके इस लिहाज से सरकार ने योजना का लाभ लेने के संबध मे कुछ शर्ते भी रखीं हैं। इनके तहत दम्पत्ति को भारत का नागरिक, मप्र राज्य का स्थाई निवासी या कम से कम पांच वर्ष तक प्रदेश मे रहवास होना जरूरी है। इसके अलावा दम्पत्ति का किसी आपराधिक मामले मे अदालतों द्वारा दण्डित नहीं होना चाहिए, शादी के समय लड़के व लड़की की उम्र क्रमश: 21 व 18 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए व उनका विवाह धार्मिक, सामाजिक रीति-रिवाज या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी रूप से मान्य होना चाहिए। दम्पत्ति मे से कोई भी आयकर दाता नहीं होना चाहिए न ही उनमे से किसी का भी जीवित पति या पत्नी नहीं होनी चाहिए व उन पर महिला उत्पीड़न या अन्य किसी अपाराधिक मामले मे लिप्त भी नहीं होना चाहिए।
सरकार की मंशा इस दंपत्ति के राजीखुशी जीवन जीने मे मदद करना है इसीलिए सरकार द्वारा पात्र दम्पत्ति को विवाह प्रोत्साहन राशि संयुक्त रूप से ही दी जाती है। साथ ही शादी के पांच साल के अंदर ही दाम्पात्य जीवन के टूटने की स्थिति मे हितग्राही दम्पत्ति को प्रोत्साहन राशि को वापिस करना पड़गी। ऐसा नहीं करने पर सरकार उनसे यह राशि बकाया भू-राजस्व मानकर वसूलेगी।
इस योजना का दुरूपयोग न हो सके इस लिहाज से सरकार ने योजना का लाभ लेने के संबध मे कुछ शर्ते भी रखीं हैं। इनके तहत दम्पत्ति को भारत का नागरिक, मप्र राज्य का स्थाई निवासी या कम से कम पांच वर्ष तक प्रदेश मे रहवास होना जरूरी है। इसके अलावा दम्पत्ति का किसी आपराधिक मामले मे अदालतों द्वारा दण्डित नहीं होना चाहिए, शादी के समय लड़के व लड़की की उम्र क्रमश: 21 व 18 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए व उनका विवाह धार्मिक, सामाजिक रीति-रिवाज या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी रूप से मान्य होना चाहिए। दम्पत्ति मे से कोई भी आयकर दाता नहीं होना चाहिए न ही उनमे से किसी का भी जीवित पति या पत्नी नहीं होनी चाहिए व उन पर महिला उत्पीड़न या अन्य किसी अपाराधिक मामले मे लिप्त भी नहीं होना चाहिए।
सरकार की मंशा इस दंपत्ति के राजीखुशी जीवन जीने मे मदद करना है इसीलिए सरकार द्वारा पात्र दम्पत्ति को विवाह प्रोत्साहन राशि संयुक्त रूप से ही दी जाती है। साथ ही शादी के पांच साल के अंदर ही दाम्पात्य जीवन के टूटने की स्थिति मे हितग्राही दम्पत्ति को प्रोत्साहन राशि को वापिस करना पड़गी। ऐसा नहीं करने पर सरकार उनसे यह राशि बकाया भू-राजस्व मानकर वसूलेगी।
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