मप्र मे नगरीय निकायों के चुनाव अब लोकसभा व विधानसभा चुनावों की तर्ज पर होगें। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए जा रहे नए नियमों के मुताबिक अब इन चुनावों मे राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के अलावा पंजीकृत दल भी आवंटित चुनाव चिन्हों का उपयोग कर सकेगें। नई व्यवस्था के तहत पंजीकृत दल का भविष्य चुनाव के हार-जीत के आंकड़ों के आधार पर ही तय होगा। ऐसी उम्मीद है कि आयोग डे़ढ से दो माह मे पंजीयन के नए नियमों को अंतिम रूप दे देगा।
वर्ष 2009 के अंत मे प्रस्तावित प्रदेश की 14 नगर पालिक निगम, 87 नगर पालिका परिषद व 237 नगर पंचायतों के चुनावों को लोकसभा व विधानसभा चुनावों की तर्ज पर कराने के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है। गौरतलब है कि वर्तमान व्यवस्था के तहत केवल राष्ट्रीय दलों के अधिकृत उम्मीदवारों को ही भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा आरक्षित चुनाव चिन्ह आवंटित होते थे लेकिन शेष उम्मीदवारों को निर्दलीय का दर्जा देकर चुनाव चिन्ह दिए जाते थे।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक आन्ध्र प्रदेश सहित दो अन्य राज्यों मे नगरीय निकाय चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के पंजीयन का प्रावधान है। अब मप्र मे भी यही व्यवस्था लागू कर नगरी निकाय चुनावों मे राजनीतिक दलों के पंजीयन किया जाएगा।
हालंकि हाल ही में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने देश मे पंजीकृत राजनीतिक दलों की बढ़ती संख्या और चुनावों मे न्यून भागेदारी पर कटाक्ष किया था। इसी के चलते नई व्यवस्था मे पंजीबद्ध दलों के पंजीयन को रद्द किए जाने का भी प्रावधान कषयश जा रहा है। इसके लिए कुल प्रत्याशियों की हार-जीत के आंकड़ों को आधार बनाया जा सकता है। इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत नगरीय निकाय चुनावों मे इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के प्रयोग किए जाने के लिए भी कोशिशें चल रहीं हैं।
नई व्यवस्था के सिलसिले मे राज्य के निर्वाचन आयोग आदित्य विजय सिंह ने बताया कि पंजीयन के नियम तैयार हो रहे हैं। डेढ़ से दो माह मे इनके तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस प्रक्रिया का बेजा लाभ नहीं उठाया जा सके इसके लिए भी सख्त प्रावधान किए जाएंगें।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक आन्ध्र प्रदेश सहित दो अन्य राज्यों मे नगरीय निकाय चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के पंजीयन का प्रावधान है। अब मप्र मे भी यही व्यवस्था लागू कर नगरी निकाय चुनावों मे राजनीतिक दलों के पंजीयन किया जाएगा।
हालंकि हाल ही में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने देश मे पंजीकृत राजनीतिक दलों की बढ़ती संख्या और चुनावों मे न्यून भागेदारी पर कटाक्ष किया था। इसी के चलते नई व्यवस्था मे पंजीबद्ध दलों के पंजीयन को रद्द किए जाने का भी प्रावधान कषयश जा रहा है। इसके लिए कुल प्रत्याशियों की हार-जीत के आंकड़ों को आधार बनाया जा सकता है। इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत नगरीय निकाय चुनावों मे इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के प्रयोग किए जाने के लिए भी कोशिशें चल रहीं हैं।
नई व्यवस्था के सिलसिले मे राज्य के निर्वाचन आयोग आदित्य विजय सिंह ने बताया कि पंजीयन के नियम तैयार हो रहे हैं। डेढ़ से दो माह मे इनके तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस प्रक्रिया का बेजा लाभ नहीं उठाया जा सके इसके लिए भी सख्त प्रावधान किए जाएंगें।
1 comments:
Achcha hai.
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