सागर/प्रदेश भाजपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में बुंदेलखण्ड के पहले मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने की मांग को लेकर बुंदेलखण्ड अंचल के सभी सांसद व विधायक १६ सितंबर को दिल्ली मे भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) मुखयालय के सामने एक दिवसीय धरना देगें। हाल ही में इस मुद्दे पर प्रदेश के मुखयमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख चुके हैं।
सागर लोकसभा क्षेत्र के सांसद व भाजपा के प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने ''सागर watch '' को खास चर्चा मे बताया कि बुंदेलखण्ड के पहले प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता नहीं देने की मांग को लेकर अंचल के सभी सांसद व विधायक १६ सितंबर को एमसीआई के कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देगें। धरना का नेतृत्व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर करेंगें।
उन्होने यह भी बताया कि धरने के सिलसिले मे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद व भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ० केतन देसाई को १२ सितंबर को भेजे फैक्स संदेश द्वारा अवगत कराया जा चुका है।
बुंदेलखण्ड के मुखर सांसद ठाकुर ने सागर मेडिकल कॉलेज को बुंदेलखण्ड अंचल की एक बड़ी जरूरत बताते हुए अन्य पार्टियों खासतौर पर कांग्रेस के विधायकों से भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन मे शामिल होने की अपील की है। इस सिलसिले में उन्होने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों- खजुराहो सांसद जितेन्द्र सिंह बुंदेला, दमोह सांसद शिवराज सिंह लोधी, टीकमगढ सांसद वीरेन्द्र खटीक व सभी विधायकों ं को व्यक्तिगत स्तर पर भी पत्र लिखे हैं।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री व सांसद भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चालीस साल के अंतराल बाद स्थापित किए जाने वाले बुंदेलखण्ड के पहले व प्रदेश के छठे मेडिकल कॉलेज को भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा अनुमति नहीं देने के मामले मे परिषद मे व्याप्त भ्रष्टाचार को ही मुखय वजह बताया है।
उन्होने बताया कि '' निजी मेडिकल कॉलेज एक-एक छात्र से लाखों रूपए फीस वसूलते है। जिसका फायदा परोक्ष रूप से एमसीआई को भी पहुंचता है तभी तो मप्र सरकार द्वारा स्थापित सागर मेडिकल कॉलेज को खामियों व कमियों को आधार बनाकर अब तक मान्यता नहीं दी गई है जबकि इससे ज्यादा कमियों वाले प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज को परिषद ने अनुमति दे दी है।
उन्होने एमसीआई पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बताया कि अनुसूचित जाति एवं पिछड ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र बुंदेलखण्ड मे स्वास्थ्य सुविधाओं मे बढ ोत्तरी की जरूरत है। इसी मकसद से प्रदेश सरकार ने यहां प्रदेश के अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों की तुलना मे अत्याधुनिक कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया था।
इस सिलसिले मे ठाकुर ने केन्द्र की कांग्रेस सरकार से भी मदद की अपेक्षा जताई है। उन्होने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार से भी चिकित्सा सुविधाओं के नजरिए से बुंदेलखण्ड का पिछड ापन छुपा नहीं है उसे भी इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की दिशा मे रूचि लेना चाहिए।
सागर लोकसभा क्षेत्र के सांसद व भाजपा के प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने ''सागर watch '' को खास चर्चा मे बताया कि बुंदेलखण्ड के पहले प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता नहीं देने की मांग को लेकर अंचल के सभी सांसद व विधायक १६ सितंबर को एमसीआई के कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देगें। धरना का नेतृत्व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर करेंगें।
उन्होने यह भी बताया कि धरने के सिलसिले मे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद व भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ० केतन देसाई को १२ सितंबर को भेजे फैक्स संदेश द्वारा अवगत कराया जा चुका है।
बुंदेलखण्ड के मुखर सांसद ठाकुर ने सागर मेडिकल कॉलेज को बुंदेलखण्ड अंचल की एक बड़ी जरूरत बताते हुए अन्य पार्टियों खासतौर पर कांग्रेस के विधायकों से भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन मे शामिल होने की अपील की है। इस सिलसिले में उन्होने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों- खजुराहो सांसद जितेन्द्र सिंह बुंदेला, दमोह सांसद शिवराज सिंह लोधी, टीकमगढ सांसद वीरेन्द्र खटीक व सभी विधायकों ं को व्यक्तिगत स्तर पर भी पत्र लिखे हैं।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री व सांसद भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चालीस साल के अंतराल बाद स्थापित किए जाने वाले बुंदेलखण्ड के पहले व प्रदेश के छठे मेडिकल कॉलेज को भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा अनुमति नहीं देने के मामले मे परिषद मे व्याप्त भ्रष्टाचार को ही मुखय वजह बताया है।
उन्होने बताया कि '' निजी मेडिकल कॉलेज एक-एक छात्र से लाखों रूपए फीस वसूलते है। जिसका फायदा परोक्ष रूप से एमसीआई को भी पहुंचता है तभी तो मप्र सरकार द्वारा स्थापित सागर मेडिकल कॉलेज को खामियों व कमियों को आधार बनाकर अब तक मान्यता नहीं दी गई है जबकि इससे ज्यादा कमियों वाले प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज को परिषद ने अनुमति दे दी है।
उन्होने एमसीआई पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बताया कि अनुसूचित जाति एवं पिछड ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र बुंदेलखण्ड मे स्वास्थ्य सुविधाओं मे बढ ोत्तरी की जरूरत है। इसी मकसद से प्रदेश सरकार ने यहां प्रदेश के अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों की तुलना मे अत्याधुनिक कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया था।
इस सिलसिले मे ठाकुर ने केन्द्र की कांग्रेस सरकार से भी मदद की अपेक्षा जताई है। उन्होने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार से भी चिकित्सा सुविधाओं के नजरिए से बुंदेलखण्ड का पिछड ापन छुपा नहीं है उसे भी इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की दिशा मे रूचि लेना चाहिए।
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