संसद में बचाव की मुद्रा अख्तियार करने के बाद कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर बुंदेलखंड को लड़ाई का मैदान बनाने का निर्णय लिया है। उत्तरप्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के अंदर तथा बाहर इसे लेकर जंग की शुरुआत कर दी है और इधर मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भी संबंधित जिलाध्यक्षों को जनता के बीच जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
श्री पचौरी का कहना है कि बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन का विरोध करके भाजपा तथा बसपा की सरकारों ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें सिर्फ पैसा चाहिए, विकास से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनकी इस असलियत को जनता के बीच बेनकाब किया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी तथा दिग्विजय सिंह के साथ दोनों प्रदेशों के संयुक्त एक प्रतिनिधि मंडल ने जब प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मुलाकात कर बुंदेलखंड के विकास के लिए प्राधिकरण के गठन तथा 8 हजार करोड़ का पैकेज देने की मांग की तो उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सत्ता में काबिज बसपा तथा भाजपा नेताओं की त्यौरियां चढ़ गई।
चूंकि लोकसभा चल रही थी इसलिए इसे लेकर बवाल खड़ा कर दिया गया। संसद की कार्रवाई हंगामे में डूबती देख केंद्र सरकार ने हालांकि कहा कि बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है लेकिन ये बात हर कोई जानता है कि जैसा दिखाई पड़ रहा है स्थिति वैसी नहीं है।
कांग्रेस नेतृत्व बुंदेलखंड के पिछड़ेपन तथा वहां के विकास को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी में है ताकि वह क्षेत्र में अपना खोया आधार वापस हासिल कर सके। श्री पचौरी ने कहा कि बुंदेलखंड का विकास राहुल गांधी की प्राथमिकता में है।
इसलिए वह तो होगा, अलबत्ता पहले एक समिति गठित कर यह तय किया जाएगा कि लीगल तरीके से यह काम कैसे किया जा सकता है। इसके बाद कार्ययोजना तैयार कर बुंदेलखंड के विकास की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि बसपा तथा भाजपा ने धन के लालच में बुंदेलखंड के विकास में रोड़ा अटकाने का काम किया है, इसके लिए उन्हें जनता के बीच एक्सपोज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के सभी 6 जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों को इसे लेकर जनता के बीच जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। वे लोगों को बताएंगे कि कांग्रेस यहां का पिछड़ापन दूर करने के लिए क्या करना चाहती है और सत्तारूढ़ दल इसमें कैसे रोड़ा अटका रहे हैं। श्री पचौरी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो उत्तरप्रदेश के साथ मिल कर इस अभियान को संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।
श्री पचौरी का कहना है कि बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन का विरोध करके भाजपा तथा बसपा की सरकारों ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें सिर्फ पैसा चाहिए, विकास से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनकी इस असलियत को जनता के बीच बेनकाब किया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी तथा दिग्विजय सिंह के साथ दोनों प्रदेशों के संयुक्त एक प्रतिनिधि मंडल ने जब प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मुलाकात कर बुंदेलखंड के विकास के लिए प्राधिकरण के गठन तथा 8 हजार करोड़ का पैकेज देने की मांग की तो उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सत्ता में काबिज बसपा तथा भाजपा नेताओं की त्यौरियां चढ़ गई।
चूंकि लोकसभा चल रही थी इसलिए इसे लेकर बवाल खड़ा कर दिया गया। संसद की कार्रवाई हंगामे में डूबती देख केंद्र सरकार ने हालांकि कहा कि बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है लेकिन ये बात हर कोई जानता है कि जैसा दिखाई पड़ रहा है स्थिति वैसी नहीं है।
कांग्रेस नेतृत्व बुंदेलखंड के पिछड़ेपन तथा वहां के विकास को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी में है ताकि वह क्षेत्र में अपना खोया आधार वापस हासिल कर सके। श्री पचौरी ने कहा कि बुंदेलखंड का विकास राहुल गांधी की प्राथमिकता में है।
इसलिए वह तो होगा, अलबत्ता पहले एक समिति गठित कर यह तय किया जाएगा कि लीगल तरीके से यह काम कैसे किया जा सकता है। इसके बाद कार्ययोजना तैयार कर बुंदेलखंड के विकास की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि बसपा तथा भाजपा ने धन के लालच में बुंदेलखंड के विकास में रोड़ा अटकाने का काम किया है, इसके लिए उन्हें जनता के बीच एक्सपोज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के सभी 6 जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों को इसे लेकर जनता के बीच जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। वे लोगों को बताएंगे कि कांग्रेस यहां का पिछड़ापन दूर करने के लिए क्या करना चाहती है और सत्तारूढ़ दल इसमें कैसे रोड़ा अटका रहे हैं। श्री पचौरी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो उत्तरप्रदेश के साथ मिल कर इस अभियान को संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।
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