निर्यात कर समाप्त करने के नाम पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा व्यापारियों ठगा जा रहा है। यदि आगामी स्थानीय निकायों के चुनावों के पहले यह कर समाप्त नहीं किया गया तो व्यापारी चुनाव का बहिष्कार करेंगें। यह बात मप्र तंबाखू विक्रेता संघ के सचिव अशोक शाह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति मे कही।
उन्होने कहा कि मप्र के 14 नगर निगमों मे से अकेले सागर नगर निगम द्वारा निर्यात कर के नाम पर व्यापारियों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। प्रदेश में कहीं भी निर्यात कर नहीं लगता है। मगर सागर निगम क्षेत्र मे अवैध रूप से निर्यात कर लगाया जा रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव व नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने द्वारा घोषणा पत्र में निर्याक कर हर कीमत पर समाप्त करने की बात कही गयी थी। मगर परिषद मे आते ही भाजपा निर्यात कर समाप्त करने की बात भूल गई।
हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनावों मे भी भाजपा ने निर्यात कर समाप्त करने की बात कही थी । मगर निर्यात कर समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे व्यापारियों पर आर्थिक मार पड़ रही है।
श्री शाह ने कहा कि नगर निगम निर्यात कर समाप्त करने के लिए गेंद राज्य शासन के पाले मे डालना चाहती है। जबकि राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि परिषद स्वय निर्यात कर समाप्त कर सकती है। इसके बदले मे वह किसी भी प्रकार के फायदे की अपेक्षा राज्य शासन से न करे।
जबकि निगम ने इसी वर्ष जनवारी माह मे सम्मेलन मे निर्यात कर समाप्त करने के मुद्दे को शासन के समक्ष भेजने का निर्णय लिया था। मगर उसके ऐवज में राज्य शासन से घाटे की आपूर्ति की अपेक्षा की गयी थी। निगम स्वयं कहती है कि निर्यात कर से उसे लगभग 50 लाख रूपए सालाना की आय होती है। मगर पिछले साल मे निर्यात कर से निगम केवल 16 लाख रूपए ही वसूल कर पाई। जबकि निगम कर्मी की जगह निजी ठेकेदार भारी भरकम राशि निर्यात कर के रूप मे वसूल लेते थे।
तंबाखू व्यापारी ने शहर के व्यापारियों का पक्ष रखते हुए कहा कि निर्यात कर समाप्त करने के नाम पर भाजपा तो पिछले साढ़े चार साल से व्यापारियों को ठग रही है। मगर लग रहा है कि इस बार व्यापारियों भाजपा के झांसे मे आने वाले नहीं हैं। उन्होने भाजपा को चेतावनी दी है कि अगर उसने निर्यात कर समाप्त नहीं किया तो वह आने वाले चुनावों का व्यापारियों द्वारा किए जाने वाले बहिष्कार के लिए तैयार रहे।
पिछले विधानसभा चुनाव व नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने द्वारा घोषणा पत्र में निर्याक कर हर कीमत पर समाप्त करने की बात कही गयी थी। मगर परिषद मे आते ही भाजपा निर्यात कर समाप्त करने की बात भूल गई।
हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनावों मे भी भाजपा ने निर्यात कर समाप्त करने की बात कही थी । मगर निर्यात कर समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे व्यापारियों पर आर्थिक मार पड़ रही है।
श्री शाह ने कहा कि नगर निगम निर्यात कर समाप्त करने के लिए गेंद राज्य शासन के पाले मे डालना चाहती है। जबकि राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि परिषद स्वय निर्यात कर समाप्त कर सकती है। इसके बदले मे वह किसी भी प्रकार के फायदे की अपेक्षा राज्य शासन से न करे।
जबकि निगम ने इसी वर्ष जनवारी माह मे सम्मेलन मे निर्यात कर समाप्त करने के मुद्दे को शासन के समक्ष भेजने का निर्णय लिया था। मगर उसके ऐवज में राज्य शासन से घाटे की आपूर्ति की अपेक्षा की गयी थी। निगम स्वयं कहती है कि निर्यात कर से उसे लगभग 50 लाख रूपए सालाना की आय होती है। मगर पिछले साल मे निर्यात कर से निगम केवल 16 लाख रूपए ही वसूल कर पाई। जबकि निगम कर्मी की जगह निजी ठेकेदार भारी भरकम राशि निर्यात कर के रूप मे वसूल लेते थे।
तंबाखू व्यापारी ने शहर के व्यापारियों का पक्ष रखते हुए कहा कि निर्यात कर समाप्त करने के नाम पर भाजपा तो पिछले साढ़े चार साल से व्यापारियों को ठग रही है। मगर लग रहा है कि इस बार व्यापारियों भाजपा के झांसे मे आने वाले नहीं हैं। उन्होने भाजपा को चेतावनी दी है कि अगर उसने निर्यात कर समाप्त नहीं किया तो वह आने वाले चुनावों का व्यापारियों द्वारा किए जाने वाले बहिष्कार के लिए तैयार रहे।
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