18 February 2009

बैंक ने छोड़ी गांधिगिरी अब पारंपरिक तरीकों से ही कर्ज वसूलेगा...

जिला सहकारिता बैंक डूबने से बचने के लिए पिछले कुछ वर्षों से बड़े जतन कर रहा है। इसी के चलते जल्द ही उसके कामकाज पर रिजर्व बैंक द्वारा लगाई गईं पाबंदियों के हटने के आसार भी पैदा हुए है। संभावना जताई जा रही है कि नए वित्तीय सत्र से बैंक का कामकाज सामान्य बैंकों की तरह हो जाएगा।
बैंक की सेहत सुधार ने के लिए प्रबंधक राजेश क्षत्रिय ने ऋण वसूली को खास तवज्जो दी। इसके लिए उन्होने पारंपरिक तरीकों के अलावा लीक से हटकर गांधी गिरी का भी सहारा लिया। लेकिन इस बार बैंक अब पारंपरिक तरीकों से ही कर्ज वसूली का मन बना रहा है।
बैंक के प्रबंधक राजेश क्षत्रिय ने बताया कि वसूली का लक्ष्य 20 करोड़ रूपए है। इसे रबी फसलों की कटाई के बाद हर हाल में हासिल किया जाएगा। बैंक द्वारा अब कर्ज की वसूली के अभियान मे किसी भी लचीले तरीके को अपनाने की योजना नहीं है। कर्जदार किसाना छोटें हों या बड़े सभी वसूली के दायरे में आएंगें। बैंक ने रबी की फसल को ध्यान मे रखकर 50 हजार से ज्यादा किसानों से जून 2009 तक 20 करोड़ वसूलने का लक्ष्य रखा है।

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