17 February 2009

अपराध उन्मूलन की प्रक्रिया को और मजबूत बनाना होगा-एडीजीपी सीआईडी

संदेह विहीन डीएनए तकनीक जुर्म पर रोक लगाने मे काफी कारगर रही है। यह फोरेंसिक विज्ञान का युग है। हमें यूरोपीय देशों की तरह अपराध उन्मूलन की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाना होगा। यह बात मप्र के सीआईडी पुलिस प्रमुख एडीजीपी रमेश शर्मा ने कही। वे सागर मे स्थित प्रदेश की एकमात्र राज्य न्यायालियक विज्ञान प्रयोगशाला मे सोमवार को - अपराध घटना स्थल व डीएनए परीक्षण विषय पर शुरू हुए पांच दिवसीय सेमीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य अतिथि एडीजी श्री शर्मा ने देश मे हुई आतंकवादी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका व यूरोपय देशों की तुलना में हमारे देश के नागरिक अपने आप को ज्यादा असुरक्षित महसूस करते हैं। इसी सिलसिले में उन्होने अपराधों पर नियंत्रण हेतु पुलिस की कार्यप्रणाली मे कसावट लाने पर व सरकार से इस संबंध में कारगर कदम उठाए जाने पर जोर दिया।
इस मौके पर सीमित संसाधनों के बावजूद दो सौ से ज्यादा नतीजे देने वाली सागर की डीएनए प्रयोगशाला की हैदराबाद स्थित डीएफएसएल संस्थान के निदेशक डॉ एसके शुक्ला ने सराहना की। उन्होने कहा कि देश की केन्द्रीय प्रयोगशालाओं की तुलना में इस राज्य न्यायालियक प्रयोगशाला प्रदर्शन अच्छा रहा है। आपने डीएनए पद्धति के कुछ सटीक नमनों का हवाला देकर यहां के वैज्ञानिकों के प्रयासों की तरीफ की।
राज्य न्यायायिक प्रयोगशाला के निदेशक डॉ० जेके अग्रवाल ने एफएसएल के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण के मामले में सागर की प्रयोगशाला का नाम देश की श्रेष्ठ प्रयोगशालाओं मे शुमार है। स्थापना के पहले वर्ष मे ही प्रयोगशाला को अधिमान्यता प्राप्त होने को भी उन्होने गौरव की बात बताया।




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