जिस आतंकवाद से देश आहत है वह अलगाववाद की उपज है। अलगाववाद को पोषित करने वाले राजनैतिक दलों की सरकारें आतंकवाद से निपटने के लिए कोई ठोस निर्णय लेने से बचतीं रहीं हैं। इसी वजह से देश हित मे अब साधु-संतो व सेवानिवृत सैनिक अधिकारियों ने मैदान मे उतरने का निर्णय लिया है। इसी सिलसिले मे 26 दिसंबर को वाराणासी मे राष्ट्रीय धर्मरक्षा मंच की एक अहम बैठक हो रहीं है। यह बात गुरूवार को सागर मे पत्रकारों से चर्चा के दौरान श्रीकाशी सुमेरू पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने कही।
आतंकवाद को अतंराष्ट्रीय साजिश करार देते हुए राष्ट्रीय धर्म रक्षा मंच के प्रतिनिधि स्वामी नरेनद्रनाथ ने कहा कि जनता के सहयोग के बिना इससे निपटना आसान नहीं हैं। वाराणासी मे हो रही राष्ट्रीय धर्मरक्षा मंच की बैठक मे इस रणनीति पर विचार होगा कि आतंकवाद से निपटने मे देश की जनता कैसे सहयोग कर सकती है व देश के करीब 7 लाख गांवों के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य का सहयोग लिया जाना कैसे सुनिश्चित किया जाए। बैठक मे देश भर से साधुसंत व करीब एक हजार सेवानिृत सैन्य अधिकारी शामिल हो रहे हैं। अगले महीने इसी जगह मंच अपने मुखिया का भी चयन करेगां।
आतंकवाद से निपटने व अफजल को फांसी देने मे केन्द्र सरकार के ढुलमुल रवैये की आलोचना करते हुए स्वामी नरेन्द्र नाथ ने कहा कि आतंकवादियों के साथ सख्त रवैया अपनाना चाहिए। उन्होने कहा कि आतंकवादियों की जगह जेल में नहीं है उन्हें तो सरेआम प्रताड़ित कर मौत के हवाले कर देना चाहिएं । पर अफसोस इस बात का है कि सरकारें ऐसा कुछ करने की बदले सर्वोच्च अदालतों के निर्णय की अवहेलना करते हुए आतंकवादियों को बचा रहीं हैं।
जगदरू शंकराचार्य ने हाल ही में मुंबई मे हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। उन्होने कहा कि इलेट्रानिक मीडिया का एक धड़ा तथ्यहीन खबरों को प्रसारित कर जनमानस को गुमराह करने मे लगा हुआ है। इन चैनलों मे सनसनीखेज खबर देने की होड़ में देश भक्तों की तुलना मे देशद्रोहियों को ज्यादा अहमियत दी जा रही है। इस पर रोक लगना चाहिए।
मालेगांव प्रकरण पर चर्चा करते हुए उन्होने इसे हिंदूवादी संगठनों को बदनाम व अलगाववादियों ताकतों को पुष्ट करने का राजनैतिक षड़यंत्र बताया।
देश की सेना व न्यायापालिका को ही जनता की सबसे भरोसेमंद संगठन बताते हुए कहा शकंराचार्य नरेन्द्रनाथ ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जब देश की सेनाओं को ज्यादा आजादी से काम करने दिया जाए। उनके काम मे राजनैतिक हस्तक्षेप से पूरी तरह दूर रखा जाए।
आतंकवाद को अतंराष्ट्रीय साजिश करार देते हुए राष्ट्रीय धर्म रक्षा मंच के प्रतिनिधि स्वामी नरेनद्रनाथ ने कहा कि जनता के सहयोग के बिना इससे निपटना आसान नहीं हैं। वाराणासी मे हो रही राष्ट्रीय धर्मरक्षा मंच की बैठक मे इस रणनीति पर विचार होगा कि आतंकवाद से निपटने मे देश की जनता कैसे सहयोग कर सकती है व देश के करीब 7 लाख गांवों के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य का सहयोग लिया जाना कैसे सुनिश्चित किया जाए। बैठक मे देश भर से साधुसंत व करीब एक हजार सेवानिृत सैन्य अधिकारी शामिल हो रहे हैं। अगले महीने इसी जगह मंच अपने मुखिया का भी चयन करेगां।
आतंकवाद से निपटने व अफजल को फांसी देने मे केन्द्र सरकार के ढुलमुल रवैये की आलोचना करते हुए स्वामी नरेन्द्र नाथ ने कहा कि आतंकवादियों के साथ सख्त रवैया अपनाना चाहिए। उन्होने कहा कि आतंकवादियों की जगह जेल में नहीं है उन्हें तो सरेआम प्रताड़ित कर मौत के हवाले कर देना चाहिएं । पर अफसोस इस बात का है कि सरकारें ऐसा कुछ करने की बदले सर्वोच्च अदालतों के निर्णय की अवहेलना करते हुए आतंकवादियों को बचा रहीं हैं।
जगदरू शंकराचार्य ने हाल ही में मुंबई मे हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। उन्होने कहा कि इलेट्रानिक मीडिया का एक धड़ा तथ्यहीन खबरों को प्रसारित कर जनमानस को गुमराह करने मे लगा हुआ है। इन चैनलों मे सनसनीखेज खबर देने की होड़ में देश भक्तों की तुलना मे देशद्रोहियों को ज्यादा अहमियत दी जा रही है। इस पर रोक लगना चाहिए।
मालेगांव प्रकरण पर चर्चा करते हुए उन्होने इसे हिंदूवादी संगठनों को बदनाम व अलगाववादियों ताकतों को पुष्ट करने का राजनैतिक षड़यंत्र बताया।
देश की सेना व न्यायापालिका को ही जनता की सबसे भरोसेमंद संगठन बताते हुए कहा शकंराचार्य नरेन्द्रनाथ ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जब देश की सेनाओं को ज्यादा आजादी से काम करने दिया जाए। उनके काम मे राजनैतिक हस्तक्षेप से पूरी तरह दूर रखा जाए।
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