मप्र मे नई सरकार बने अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है और मांगों को मनवाने के लिए, धरने, पदर्शन व इस्तीफे देने की कवायद शुरू हो गई है। सागर जिले की सभी जनपद पंचायतों के अध्यक्षों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की कार्य शैली से खफा होकर विरोध स्वरूप मंगलवार को अपने सामूहिक त्यागपत्र कमिनर को सौंप दिए।
कमिश्नर को सौंपे गए पत्र में जिला पंचायत व सभी 11 जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे पंचायती राज अधिनियम के तहत जनपद पंचायतों के अध्यक्षों को सौंपे गए अधिकारों का खुले आम हनन कर रहे हैं। इससे से जनपद पंचायत अध्यक्षों का अपने पद पर बने रहने का कोई औचित्य ही नहीं रह गया है।
पत्र मे यह भी बताया गया है कि जिला पंचायत व जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की कार्यशैली की वजह से पंचायती राज अधिनियम के तहत चल रहीं जनहितकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी नहीं हो पा रहा है।
जिले के सभी जनपद अध्यक्षों के प्रतिनिधि के रूप मे माल्थौन पंचायत के जनपद अध्यक्ष गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जनपद के मे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा विभागीय समीक्षा बैठकों का आयोजन भी नहीं कराया जा रहा है। जबकि साल भर मे ऐसी 12 बैठकें होने का प्रावधान हैं। अकेले माल्थौन जनपद में ही नवंबर 2008 तक दो बैठकें ही आयोजित हुईं हैं। यही हाल बाकी जनपदों का भी है।
इसी सिलसिले मे श्री राजपूत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में जनपद अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व सदस्यों के मानदेय मे वृद्धि की है लेकिन अधिकारियों की ढिलाई की वजह से जनपदों में अभी तक बढ़ी हुईं दरों से मानदेय नहीं बांटा गया।
सागर जनपद अध्यक्ष अशोक सिंह बामोरा का कहना है कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना लागू होने के बाद से जनपद व जिला पंचायत के कार्यपालन अधिकारियों ने जनपद अध्यक्षों को ताक पर रखकर सभी तरह के विकास कार्यों के लिए राशि का आवंटन अपनी मनमर्जी से कर रहे हैं। कमिश्नर को सौंपें गए सामूहिक इस्तीफा पत्र में जनपद अध्यक्षों सात दिनों के भीतर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने व उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति मे 23 दिसंबर से आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
जबकि इस मामले मे जिला पंचायत सागर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीनिवास शर्मा का कहना है कि ग्राम पंचायतों को नियमों के मुताबिक राशि जारी की गई है। जनपद पंचायतों को किसी भी प्रकार की राशि दिए जाने का प्रावधान नहीं है। जहां तक रोजगार गारंटी योजना का सवाल है, ग्राम और जनपद पंचायतों मे मांग के मुताबिक काम कराए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों को 50 फीसदी राशि देने का प्रावधान है लेकिन काम की अधिकता की वजह से उन्हें 90 फीसदी राशि दी गई है।
सामूहिक इस्तीफा सौंपे जाने के समय मौजूद जनपद अध्यक्षों मे माल्थौन से गोविंद सिंह राजपूत, सागर से अशोक सिंह बामोरा,रहली से जगदीश कपास्या, देवरी से विनीत पटैरिया, राहतगढ़ से गुलाब सिंह राजपूत, बंण्डा से हरपाल सिंह व केसली से राजकुमार शामिल थे।
पत्र मे यह भी बताया गया है कि जिला पंचायत व जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की कार्यशैली की वजह से पंचायती राज अधिनियम के तहत चल रहीं जनहितकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी नहीं हो पा रहा है।
जिले के सभी जनपद अध्यक्षों के प्रतिनिधि के रूप मे माल्थौन पंचायत के जनपद अध्यक्ष गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जनपद के मे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा विभागीय समीक्षा बैठकों का आयोजन भी नहीं कराया जा रहा है। जबकि साल भर मे ऐसी 12 बैठकें होने का प्रावधान हैं। अकेले माल्थौन जनपद में ही नवंबर 2008 तक दो बैठकें ही आयोजित हुईं हैं। यही हाल बाकी जनपदों का भी है।
इसी सिलसिले मे श्री राजपूत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में जनपद अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व सदस्यों के मानदेय मे वृद्धि की है लेकिन अधिकारियों की ढिलाई की वजह से जनपदों में अभी तक बढ़ी हुईं दरों से मानदेय नहीं बांटा गया।
सागर जनपद अध्यक्ष अशोक सिंह बामोरा का कहना है कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना लागू होने के बाद से जनपद व जिला पंचायत के कार्यपालन अधिकारियों ने जनपद अध्यक्षों को ताक पर रखकर सभी तरह के विकास कार्यों के लिए राशि का आवंटन अपनी मनमर्जी से कर रहे हैं। कमिश्नर को सौंपें गए सामूहिक इस्तीफा पत्र में जनपद अध्यक्षों सात दिनों के भीतर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने व उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति मे 23 दिसंबर से आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
जबकि इस मामले मे जिला पंचायत सागर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीनिवास शर्मा का कहना है कि ग्राम पंचायतों को नियमों के मुताबिक राशि जारी की गई है। जनपद पंचायतों को किसी भी प्रकार की राशि दिए जाने का प्रावधान नहीं है। जहां तक रोजगार गारंटी योजना का सवाल है, ग्राम और जनपद पंचायतों मे मांग के मुताबिक काम कराए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों को 50 फीसदी राशि देने का प्रावधान है लेकिन काम की अधिकता की वजह से उन्हें 90 फीसदी राशि दी गई है।
सामूहिक इस्तीफा सौंपे जाने के समय मौजूद जनपद अध्यक्षों मे माल्थौन से गोविंद सिंह राजपूत, सागर से अशोक सिंह बामोरा,रहली से जगदीश कपास्या, देवरी से विनीत पटैरिया, राहतगढ़ से गुलाब सिंह राजपूत, बंण्डा से हरपाल सिंह व केसली से राजकुमार शामिल थे।
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