05 November 2008

कथक नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुतियों का साक्षी बना प्रणाम महोत्सव...

तबले की थाप और घुंघरूओं की रूनझुन की संगत पर सोलह बालिकाओं द्वारा कथक नृत्य का जो नजारा पेश किया दर्शक उसकी तारीफ किए बिना नहीं रहे होगें। युवा कथक नर्तकी शांभवी शुक्ला के निर्देशन मे कथक नृत्य सीख रहीं सोलह बालिकाओं ने मंगलवार शाम को सागर के रवीन्द्र भवन मे आयोजित प्रणाम महोत्सव में पं करोड़ी लाल भट्ट के तबले की थाप व जयश्री लुखे के गायन के संगत पर बालिकाओं ने कथक नृत्य की बेमिसाल प्रस्तुति दी।
सागर और भोपाल की सांस्कृतिक संस्थाओं श्रुतिमुद्रा एवं मधुकली के सयुक्त तत्वावधान मे आयोजित दो दिवसीय प्रणाम महोत्सव के बाहर से पधारे प्रख्यात मेहमान कलाकारों ने शुरूआत में दीप प्रज्जवलन व मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
कथक नृत्य की प्रस्तुति के बाद यशवंत वैष्णव ने तबला और हरीश गंगानी ने कथक की प्रस्तुति दी। दिल्ली से पधारे पं राजेन्द्र गंगानी ने बालिकाओं द्वारा पेश कथक नृत्य से इतने प्रभावित हुए कि उन्होने अपनी ओर से भी नृत्य कलाकारों को पुरस्कार दिए।
इस मौके पर श्रुतिमुद्रा सांस्कृतिक संस्था के सचिव मुन्ना शुक्ला ने बताया कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य बाल कलाकारों को सम्मानित करना भी है। समारोह मे तीन ऐसे कलाकारों को सम्मानित किया गया है जो कम उम्र के हैं लेकिन बेहतरीन कलाकार हैं। समारोह में यशवंत वैष्णव और उमा डोंगरा द्वारा रूद्रशंकर मिश्र को रॉबिन पोल द्वारा सम्मान और स्मृति चिन्ह दिए गए।

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