भारतीय सस्कृति हमेशा से ही बढ़ों का सम्मान करने की रही है। लेकिन पाश्चातय सभ्यता के प्रभाव मे यह परंपरा लुप्त होती जा रही है। आज वृद्ध माता-पिता परिवार पर बोझ माने जाने लग हैं। जो सही नहीं है। हमे समाज मे ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे वृद्धाश्रम जैसे संस्थाओं की जरूरत ही ना पड़े। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर रेडक्रास सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे सागर के सासंद वीरेन्द्र कुमार ने व्यक्त किए।
इस मौके पर जिला कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने भी वृद्ध की उपेक्षा की जाने की बात स्वीकारते हुए कहा कि जिला रेडक्रास सोसायटी वृद्धाश्रामों के लिए बेहतर सुविधाओं मुहैया कराने की दिशा मे काम कर रही है।
02 October 2008
भारतीय समाज मे बढ़ रहा है वृद्धों की उपेक्षा का चलन ...
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1 comments:
बहुत सार्थक लिखा है।
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