सागर कृषि उपज मण्डी के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेन्द्र सिह मोकलपुर सोमवार को अपने दो दर्जन से ज्यादा सहयोगियों के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी मे शामिल हो गए है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने दोपहर करीब डेढ़ बजे भाजपा कार्यालय मे आयोजित एक कार्यक्रम मे उन्हें पार्टी की सदस्यता व शपथ दिलाई। श्री मोकलपुर भाजपा के 57740152 वे सदस्य बन गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेसी नेता श्री मोकलपुर को भाजपा मे चुनावी रणनीति के तहत शामिल किया गया है। श्री मोकलपुर को बुंदेलखण्ड की सुरखी विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी के रूप मे उतारे जाने की चर्चा है। पिछले चुनावों मे इस सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत ने भाजपा के कददावर नेता व प्रदेश के महामंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर को 13 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। लेकिन इस हार के बाद भी भूपेन्द्र सिह ठाकुर की सक्रियता अपने क्षेत्र मे प्रतिद्वंदी गोविंद सिंह के मुकाबले नगण्य ही रही। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सुरखी विधानसभा क्षेत्र मे भूपेन्द्र सिहं के पक्ष में घटते जनसमर्थन को देखकर पार्टी द्वारा शुरू की गई नए उम्मीदवार की तलाश के तहत ही कांग्रेस के असंतुष्ट लेकिन सुरखी क्षेत्र मे खासी जमीनी पकड़ रखने वाले राजेन्द्र सिंह मोकलपुर को भाजपा ने अपने प्रत्याशी के रूप मे उतारने का मन बनाया है।
हालांकि 15 सितंबर को जनाशीर्वाद यात्रा के सागर पंहुचने के मौके पर हुई आमसभा मे मुख्यमंत्री के समक्ष ही श्री मोकलपुर के भाजपा मे शामिल होने की जोरों से चर्चा थी लेकिन बताया गया कि पंचकों के चलने के वजह से उनकी भाजपा मे शामिल होने की घोषणा आगे के लिए टल गई थी। श्री मोकलपुर ने भोपाल जाने से पहले चर्चा मे कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ''कांग्रेस पूजींपतियों व सामंतवादियों की पार्टी रह गई है। जिसमे जमीनी व छोटे कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की जा रही है।
इस राजनैतिक बदलाव के बाद सुरखी विधानसभा क्षेत्र मे चुनावी मुकाबले के घमासान होने की हालात बन गए हैं। इसी सीट पर बसपा के टिकिट पर चुनाव लड़ रहे गोविंद गोरखी को भी कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत का प्रबल विरोधी माना जा रहा है। इन दोनों के बीच काम धंधों को लेकर पहले भी कई बार टकराव होता रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि श्री गोरखी गोविंद सिंह राजपूत के लिए चुनाव नतीजों मे उलटफेर लाने की हद तक मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
राजनीतिक के जानकारों के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनावों के मददेनजर भाजपा द्वारा शुरू किया गया दूसरे दलों से नेता इंम्पोर्ट करने का खेल प्रदेश के राजनैतिक परिदृ य मे काफी उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है। गौरतलब है करीब दस महीने पहले ही बंदेलखण्ड की चंदला विधानसभा सीट के समाजवादी पार्टी के विधायक श्री विजय बहादुर सिंह बुंदेला भी भाजपा पार्टी मे शमिल हो गए थे।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने दोपहर करीब डेढ़ बजे भाजपा कार्यालय मे आयोजित एक कार्यक्रम मे उन्हें पार्टी की सदस्यता व शपथ दिलाई। श्री मोकलपुर भाजपा के 57740152 वे सदस्य बन गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेसी नेता श्री मोकलपुर को भाजपा मे चुनावी रणनीति के तहत शामिल किया गया है। श्री मोकलपुर को बुंदेलखण्ड की सुरखी विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी के रूप मे उतारे जाने की चर्चा है। पिछले चुनावों मे इस सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत ने भाजपा के कददावर नेता व प्रदेश के महामंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर को 13 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। लेकिन इस हार के बाद भी भूपेन्द्र सिह ठाकुर की सक्रियता अपने क्षेत्र मे प्रतिद्वंदी गोविंद सिंह के मुकाबले नगण्य ही रही। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सुरखी विधानसभा क्षेत्र मे भूपेन्द्र सिहं के पक्ष में घटते जनसमर्थन को देखकर पार्टी द्वारा शुरू की गई नए उम्मीदवार की तलाश के तहत ही कांग्रेस के असंतुष्ट लेकिन सुरखी क्षेत्र मे खासी जमीनी पकड़ रखने वाले राजेन्द्र सिंह मोकलपुर को भाजपा ने अपने प्रत्याशी के रूप मे उतारने का मन बनाया है।
हालांकि 15 सितंबर को जनाशीर्वाद यात्रा के सागर पंहुचने के मौके पर हुई आमसभा मे मुख्यमंत्री के समक्ष ही श्री मोकलपुर के भाजपा मे शामिल होने की जोरों से चर्चा थी लेकिन बताया गया कि पंचकों के चलने के वजह से उनकी भाजपा मे शामिल होने की घोषणा आगे के लिए टल गई थी। श्री मोकलपुर ने भोपाल जाने से पहले चर्चा मे कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ''कांग्रेस पूजींपतियों व सामंतवादियों की पार्टी रह गई है। जिसमे जमीनी व छोटे कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की जा रही है।
इस राजनैतिक बदलाव के बाद सुरखी विधानसभा क्षेत्र मे चुनावी मुकाबले के घमासान होने की हालात बन गए हैं। इसी सीट पर बसपा के टिकिट पर चुनाव लड़ रहे गोविंद गोरखी को भी कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत का प्रबल विरोधी माना जा रहा है। इन दोनों के बीच काम धंधों को लेकर पहले भी कई बार टकराव होता रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि श्री गोरखी गोविंद सिंह राजपूत के लिए चुनाव नतीजों मे उलटफेर लाने की हद तक मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
राजनीतिक के जानकारों के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनावों के मददेनजर भाजपा द्वारा शुरू किया गया दूसरे दलों से नेता इंम्पोर्ट करने का खेल प्रदेश के राजनैतिक परिदृ य मे काफी उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है। गौरतलब है करीब दस महीने पहले ही बंदेलखण्ड की चंदला विधानसभा सीट के समाजवादी पार्टी के विधायक श्री विजय बहादुर सिंह बुंदेला भी भाजपा पार्टी मे शमिल हो गए थे।
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