मप्र की जेलों मे बंद कैदियों से अब हर कोई नहीं मिल सकेगा। जेल विभाग के नए नियमों के मुताबिक अब वो ही लोग कैदियों से मिल सकेगें जिनके नामों की सूची कैदी जेल में दाखिल होने से पहले जेल प्रशासन को सौंपेगा। सिमी के गुर्गों द्वारा अपने सरगना सफदर नागौरी से इंदौर जेल मे मुलाकात करने से हकबका कर जेल प्रशासन ने यह फैसला लिया है।
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में हुई जेल प्रशासन की उच्चस्तरीय बैठक मे जेलों के सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता करने की दिशा मे कई सख्त फैसले लिए गए हैं। बानगी के तौर पर जेल मे आने वाला संगीन जुर्म का मुल्जिम हो या मामूली प्रकरण का आरोपी उनसे जेल मे उन व्यक्तियों के अलावा कोई नहीं मिल सकेगा जिनके नामों की सूची बंदियों ने जेल मे दाखिल होने के पहले जेल प्रशासन को सौंपी होगी। इसके अलावा जेल प्रशासन सूची मे शामिल लोगों का सत्यापन करने के बाद ही उन्हें कैदियों से मिलने देगा।
इतना ही नहीं अब से संगीन जुर्म, नक्सल व दस्यु प्रभावित क्षेत्रों के कैदियों से मुलाकात जेल कर्मचारियों की मौजूदगी मे ही हो सकेगी। जिससे अपराधी मुलाकातियों की मदद से कोई साजिश न रख सके व जेल के अंदर कोई घटना को अंजाम न दे सके।
इसी प्रकार जेल मे रात की पाली मे ड़यूटी करने से आना कानी करने वाले कारिंदों को गंभीर कार्रवाई के अलावा नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता हे।
जेल के सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने के सिलसिले में डाक्टरों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है। नई व्यवस्था के मुताबिक जेलों मे बीमार बंदियों की मौत होने पर अब डाक्टरों से भी पूछतांछ की जाएगी। जिन जेलों मे चिकित्सक नियुक्त नहीं हैं वहां यहजिम्मेदारी सरकारी अस्पतालों के िचकित्सक निभाएंगें।
नई व्यवस्था के सिलसिले मे डीआईजी जेल,विधिक, आरएस विजयवर्गीय ने बताया कि जेलों के सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने और बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए जेल विभाग ने कई निर्णय लिए हैं। इसके तहत नियमों मे बदलाव कर उसे कठोर बनाया जा रहा है।
इतना ही नहीं अब से संगीन जुर्म, नक्सल व दस्यु प्रभावित क्षेत्रों के कैदियों से मुलाकात जेल कर्मचारियों की मौजूदगी मे ही हो सकेगी। जिससे अपराधी मुलाकातियों की मदद से कोई साजिश न रख सके व जेल के अंदर कोई घटना को अंजाम न दे सके।
इसी प्रकार जेल मे रात की पाली मे ड़यूटी करने से आना कानी करने वाले कारिंदों को गंभीर कार्रवाई के अलावा नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता हे।
जेल के सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने के सिलसिले में डाक्टरों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है। नई व्यवस्था के मुताबिक जेलों मे बीमार बंदियों की मौत होने पर अब डाक्टरों से भी पूछतांछ की जाएगी। जिन जेलों मे चिकित्सक नियुक्त नहीं हैं वहां यहजिम्मेदारी सरकारी अस्पतालों के िचकित्सक निभाएंगें।
नई व्यवस्था के सिलसिले मे डीआईजी जेल,विधिक, आरएस विजयवर्गीय ने बताया कि जेलों के सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने और बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए जेल विभाग ने कई निर्णय लिए हैं। इसके तहत नियमों मे बदलाव कर उसे कठोर बनाया जा रहा है।
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