देश मे शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा मप्र मे हैं। प्रदेश मे जन्म लेने वाले हर 1000 शिशिओं मे से 74 शिशुओं की मौत एक साल के भीतर हो जाती है। लेकिन महिलाओं को शिशुओं को स्तनपान कराने के सिलसिले मे जागरूक बनाकर ऐसी सैकड़ों मौतों से बचा जा सकता है। यह बात सागर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रमोद गोदरे ने आज यहां विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित एक बैठक में कही।
इसी सिलसिले मे श्री गोदरे ने बताया कि शहर व गांव की महिलाओं को यह समझाना बेहद जरूरी है कि जन्म के तुरंत बाद आधे घन्टे के अंदर मां शिशु को अपना दुध पिलाना शुरू कर दे तथा अगले छह माह तक बालक को सिर्फ अपना दूध ही पिलाए। इस दौरान वह बच्चे को पानी, चाय, शहद या घुट्टी आदि कुछ भी न दे। छह माह बाद शिशु को बाहरी खाद्य पदार्थ खिलाना शुरू करते वक्त भी इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि शिशु को स्तनपान कराने से पहले ही खाने की चीजें दें।
इसी मौके पर उन्होने महिलाओं के बीच फैली भ्रांति का समाधन करते हुए कहा कि प्रसव के तुरंत बाद का गाढ़ा पीला दूध बच्चे के लिए हानिकारक नहीं बल्कि कई रोगों से बचाने वाला होता है। कार्यक्रम मे डॉ० आरसी जैन, डॉ० पीके पिप्पल, डॉ० ओपी गुप्ता, डॉ० सुनील जैन व डॉ० साधना मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इसी सिलसिले मे श्री गोदरे ने बताया कि शहर व गांव की महिलाओं को यह समझाना बेहद जरूरी है कि जन्म के तुरंत बाद आधे घन्टे के अंदर मां शिशु को अपना दुध पिलाना शुरू कर दे तथा अगले छह माह तक बालक को सिर्फ अपना दूध ही पिलाए। इस दौरान वह बच्चे को पानी, चाय, शहद या घुट्टी आदि कुछ भी न दे। छह माह बाद शिशु को बाहरी खाद्य पदार्थ खिलाना शुरू करते वक्त भी इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि शिशु को स्तनपान कराने से पहले ही खाने की चीजें दें।
इसी मौके पर उन्होने महिलाओं के बीच फैली भ्रांति का समाधन करते हुए कहा कि प्रसव के तुरंत बाद का गाढ़ा पीला दूध बच्चे के लिए हानिकारक नहीं बल्कि कई रोगों से बचाने वाला होता है। कार्यक्रम मे डॉ० आरसी जैन, डॉ० पीके पिप्पल, डॉ० ओपी गुप्ता, डॉ० सुनील जैन व डॉ० साधना मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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