जब तक सच्चर समिति की सिफारिशें पर अमल नहीं होगा, मुस्लिम कौम के साथ न्याय नहीं हो सकता है। अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के सिलसिले मे आयोग की सिफारिशों पर क्रियांवयन के लिए तीन साल से इंतजार हो रहा है। यह बासमाजवादी चिंतक व लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर ने रविवार को सागर के रविन्द्र भवन मे आयोजित मध्य प्रदेश कौमी खिदमतगार सोसायटी के राज्य स्तरीय सम्मेलन में संबोधन के दौरान कही।
सरकारी आंकड़ों के आधार तैयार किए जाने की वजह से सच्चर समिति की रपट को अब तक की सबसे विश्वसनीय रपट बताते हुए श्री ठाकुर ने मुसलमानों से इसे पढ़कर सरकारों पर इसके अमल के लिए दबाव बनाने के सलाह अल्पसंख्यकों दी।
श्री ठाकुर ने आतंकवाद का संबंध किसी मजहब विशेष से नहीं बल्कि हिंसक विचार धारा से बताते हुए कहा कि जो लोग आतंकवाद के लिए किसी मजहब विशेष को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वे दुनिया को खत्म करने का काम कर रहे है। उन्होने कहा कि देश मे वोटों का जो खेल चल रहा है उसकी की वजह से हिन्दू व मुसलमानों के बीच मे झगड़ा कराने की कोशिश हो रहीं हैं। अगर झगड़ा नहीं होगा तो कई लोग सत्ता मे नहीं पहुंच पाएंगें। इसी का नतीजा है कि देश मे एकता के लिए काम करने वालों की तुलना में बम फोड़ने वाले की चर्चा ज्यादा होती है ।
मप्र के 45 जिलों से आए मुस्लिम समाज के लोगों व मप्र कौमी खिदमतगार सोसायटी के नुमाइंदों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की चेयरमेन मसर्रत शाहिद ने कांग्रेस को मुसलमानों की शुभचिंतक पार्टी बताते हुए कहा कि इसी पार्टी ने पहली बार मुसलमानों के लिए अलग से मिनिस्ट्री बनाई। उन्होने कहा कि अगर मेरे पीछे कांग्रेस का बेनर नहीं होता तो न मै आपके बीच आ पाती और न ही आप मुझे पहचानते। प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए श्रीमती मशर्रत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयोग से 50 करोड़ रूपए ले रखे हैं लेकिन पिछले तीन सालों से अब तक अल्पसंख्यकों के हित मे उसे खर्च करने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
श्रीमती मसर्रत ने सेक्यूलरवाद का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में गलतियां तो हो सकती है लेकिन उसके अलावा कोई दूसरी पार्टी सेक्यूलर नहीं हैं। मुझे मालूम है कि भाजपा व आरएसएस के दिल में मुस्लिम कौम के लिए कोई जगह नहीं है मप्र कौमी खिदमतगार सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष जाफर पठान ने अपने स्वागत भाषण मे कहा कि उनकी सोसायटी एक सामाजिक संगठन है। जो अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक उत्थान के लिए काम करती है। इस मौके पर श्री पठान ने प्रदेश शासन के मंत्री गोपाल भार्गव व रामकृष्ण कुसमरिया के बुलाए जाने के बाद भी नहीं आने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनका आयोजन राजनैतिक मंच नहीं है। लेकिन ऐसे आयोजन मे उन्हें उन सभी पार्टियों का सहयोग मिल रहा है जो सेक्यूलर हैं। सागर मे पहली बार आयोजित हो रहा सोसायटी का चौथा राज्य स्तरीय सम्मेलन होने के साथ साथ देश की आजादी के बाद बुंदेलख्ण्ड क्षेत्र में मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए होने वाला भी पहला सम्मेलन है।
हालांकि श्री पठान के मुताबिक इस सम्मेलन मे मुस्लिम समाज की समस्याओं से अवगत कराने के लिए सभी राजनैतिक दलों के नुमाईंदों को बुलाया गया था। लेकिन यह आयोजन कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा बन कर रह गया । उन्होनें इस मंच का उपयोग कांग्रेस पार्टी को अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की शुभचिंतक पार्टी बताने मे कोई कसर नहीं छोड़ी।
कांफ्रेंस मे विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी ने कहा कि धार्मिक स्कूल व मदरसे तो हमने बहुत खोल रखे हैं लेकिन बच्चों को दुनिया की तालीम दिलाए बिना कौम आगे नहीं बढ़ सकती है। अल्पसंख्यकों के पिछड़ेपन की मुख्य वजह जागरूकता की कमी बताते हुए जमुना देवी ने कहा कि दिल्ली की केन्द्र सरकार हमारे पास है। प्रत्येक विभाग में ढेरों योजनाएं हैं। लेकिन इन्हें जानने का हमने प्रयास नहीं किया। यह समस्या महज मुसलमान समाज की नहीं बल्कि एससी,एसटी व पिछड़े वर्ग की भी है। फिर भी मप्र कौमी खिदमतगार सोसायटी ने अल्पसंख्यक समाज की जिन मांगों को ज्ञापन के रूप मे मुझे सौंपा है उन पर हम आवाज उठाएंगें। कांफ्रेंस मे सभी वक्ताओं ने प्रत्यक्ष परोक्ष रुप मे तालीम की कमी को ही कौम के पिछड़ेपन की मूल वजह माना। इसी वजह से मजबूत नेतृत्व पैदा नहीं हो सकता जो कौम की बात को असरदार ढंग से सरकारों के सामने रख्सका। इस कमी को दूर करने के लिए सभी वक्ताओं ने कौम के लोगों को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने की नसीहत दी। उन्होने ने कहा कि अल्पसंख्याकों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए राज्य व केन्द्र सरकारों द्वारा अनेक योजनाएं चला रहीं हैं। इन योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने समाज के जागरुंक लोगों की जिम्मेदारी है। यही कौम की सबसे बड़ी खिदमत होगी।
कांफ्रेंस में पूर्व सांसद डालचंद जैन,विधायक शैलेन्द्र जैन, गोविन्द राजपूत, अरूणोदय चौबे, नारायण प्रजापति, पूर्व विधायक सुरेन्द्र चौधरी, संतोष साहू, सुनील जैन, प्रकाश जैन के अलावा मो इदरिस, बीड़ी उद्योगपति नरेश जैन, एडव्होकेट साजिद सहित अनेक कांग्रेस नेता व मुस्लिम समाज के गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
श्री ठाकुर ने आतंकवाद का संबंध किसी मजहब विशेष से नहीं बल्कि हिंसक विचार धारा से बताते हुए कहा कि जो लोग आतंकवाद के लिए किसी मजहब विशेष को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वे दुनिया को खत्म करने का काम कर रहे है। उन्होने कहा कि देश मे वोटों का जो खेल चल रहा है उसकी की वजह से हिन्दू व मुसलमानों के बीच मे झगड़ा कराने की कोशिश हो रहीं हैं। अगर झगड़ा नहीं होगा तो कई लोग सत्ता मे नहीं पहुंच पाएंगें। इसी का नतीजा है कि देश मे एकता के लिए काम करने वालों की तुलना में बम फोड़ने वाले की चर्चा ज्यादा होती है ।
मप्र के 45 जिलों से आए मुस्लिम समाज के लोगों व मप्र कौमी खिदमतगार सोसायटी के नुमाइंदों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की चेयरमेन मसर्रत शाहिद ने कांग्रेस को मुसलमानों की शुभचिंतक पार्टी बताते हुए कहा कि इसी पार्टी ने पहली बार मुसलमानों के लिए अलग से मिनिस्ट्री बनाई। उन्होने कहा कि अगर मेरे पीछे कांग्रेस का बेनर नहीं होता तो न मै आपके बीच आ पाती और न ही आप मुझे पहचानते। प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए श्रीमती मशर्रत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयोग से 50 करोड़ रूपए ले रखे हैं लेकिन पिछले तीन सालों से अब तक अल्पसंख्यकों के हित मे उसे खर्च करने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
श्रीमती मसर्रत ने सेक्यूलरवाद का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में गलतियां तो हो सकती है लेकिन उसके अलावा कोई दूसरी पार्टी सेक्यूलर नहीं हैं। मुझे मालूम है कि भाजपा व आरएसएस के दिल में मुस्लिम कौम के लिए कोई जगह नहीं है मप्र कौमी खिदमतगार सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष जाफर पठान ने अपने स्वागत भाषण मे कहा कि उनकी सोसायटी एक सामाजिक संगठन है। जो अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक उत्थान के लिए काम करती है। इस मौके पर श्री पठान ने प्रदेश शासन के मंत्री गोपाल भार्गव व रामकृष्ण कुसमरिया के बुलाए जाने के बाद भी नहीं आने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनका आयोजन राजनैतिक मंच नहीं है। लेकिन ऐसे आयोजन मे उन्हें उन सभी पार्टियों का सहयोग मिल रहा है जो सेक्यूलर हैं। सागर मे पहली बार आयोजित हो रहा सोसायटी का चौथा राज्य स्तरीय सम्मेलन होने के साथ साथ देश की आजादी के बाद बुंदेलख्ण्ड क्षेत्र में मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए होने वाला भी पहला सम्मेलन है।
हालांकि श्री पठान के मुताबिक इस सम्मेलन मे मुस्लिम समाज की समस्याओं से अवगत कराने के लिए सभी राजनैतिक दलों के नुमाईंदों को बुलाया गया था। लेकिन यह आयोजन कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा बन कर रह गया । उन्होनें इस मंच का उपयोग कांग्रेस पार्टी को अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की शुभचिंतक पार्टी बताने मे कोई कसर नहीं छोड़ी।
कांफ्रेंस मे विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी ने कहा कि धार्मिक स्कूल व मदरसे तो हमने बहुत खोल रखे हैं लेकिन बच्चों को दुनिया की तालीम दिलाए बिना कौम आगे नहीं बढ़ सकती है। अल्पसंख्यकों के पिछड़ेपन की मुख्य वजह जागरूकता की कमी बताते हुए जमुना देवी ने कहा कि दिल्ली की केन्द्र सरकार हमारे पास है। प्रत्येक विभाग में ढेरों योजनाएं हैं। लेकिन इन्हें जानने का हमने प्रयास नहीं किया। यह समस्या महज मुसलमान समाज की नहीं बल्कि एससी,एसटी व पिछड़े वर्ग की भी है। फिर भी मप्र कौमी खिदमतगार सोसायटी ने अल्पसंख्यक समाज की जिन मांगों को ज्ञापन के रूप मे मुझे सौंपा है उन पर हम आवाज उठाएंगें। कांफ्रेंस मे सभी वक्ताओं ने प्रत्यक्ष परोक्ष रुप मे तालीम की कमी को ही कौम के पिछड़ेपन की मूल वजह माना। इसी वजह से मजबूत नेतृत्व पैदा नहीं हो सकता जो कौम की बात को असरदार ढंग से सरकारों के सामने रख्सका। इस कमी को दूर करने के लिए सभी वक्ताओं ने कौम के लोगों को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने की नसीहत दी। उन्होने ने कहा कि अल्पसंख्याकों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए राज्य व केन्द्र सरकारों द्वारा अनेक योजनाएं चला रहीं हैं। इन योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने समाज के जागरुंक लोगों की जिम्मेदारी है। यही कौम की सबसे बड़ी खिदमत होगी।
कांफ्रेंस में पूर्व सांसद डालचंद जैन,विधायक शैलेन्द्र जैन, गोविन्द राजपूत, अरूणोदय चौबे, नारायण प्रजापति, पूर्व विधायक सुरेन्द्र चौधरी, संतोष साहू, सुनील जैन, प्रकाश जैन के अलावा मो इदरिस, बीड़ी उद्योगपति नरेश जैन, एडव्होकेट साजिद सहित अनेक कांग्रेस नेता व मुस्लिम समाज के गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
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