हाल ही में मुबंई पर हुए आंतकी हमले से लेकर पिछले पांच साल मे देश भर मे हुए करीब दो दर्जन आतंकी हमले व देश की सीमाओं पर हुईं झड़पों मे दर्जनों भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है।
भारत के लोगों इन हादसों मे शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति सहानुभूति तो रखते है लेकिन इन शहीदों के पीछे छूटे परिवारों व परिजनों को आर्थिक मदद देने के नाम पर लोगों आगे नहीं आना आश्चर्य पेदा करता है।
आज झण्डा दिवस है। वर्ष 1949 से इस दिन को देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा की कार्यवाहियों व प्राकृतिक आपदाओं मे कर्तव्य पालन के समय वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को देश भर मे सुबह 11 बजे दो मिनिट का मौन रखकर याद किया जाता है।
झण्डा दिवस पर देश के शहीद सैनिकों को याद करते हुए उन्हें सम्मान देने व उनके प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए जनता के बीच टोकन एवं कार ध्वज वितरित कर धन एकत्रित किया जाता है। ताकि इस धन से शहीद सैनिकों के आश्रित परिजनों, विकलांग सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास के कार्यक्रम चलाए जा सकें। जिससे उनकी लड़कियों का विवाह, चिकित्सा उपचार, छात्रवृत्ति, स्वरोजगार आदि के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराई जा सके।
इस मौके पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,रक्षा मंत्री व प्रदेश के राज्यपाल ने सभी देश वासियों से आगे आकर अधिक से अधिक दान करने की अपील की है। लोगों से कहा गया है कि झण्डा दिवस पर सचिव 'अमलगमेटेड स्पेशल फंड फॉर रिकन्सट्रक्सन एण्ड रिहैबिलिटेशन ऑफ एक्स सर्विसमैन' मे दान करें।
सागर जिला सैनिक कल्याण अधीक्षक दर्शन सिंह के मुताबिक सागर की जनता के लिए यह गर्व की बात है कि झण्डा दिवस पर शहीद सैनिकों को दान की राशि की मात्रा के हिसाब से प्रदेश मे चौथे स्थान पर रहा।
इस दिन टोकन ध्वज वितरित कर बच्चों से 2 से 5 रूपए व कार ध्वज के बदले 50 रूपए से जितना अधिक से अधिक जितना भी दान करना चाहे उसे एकत्रित किया जाता है। बड़े व्यापारियों व व्यवसायियों को इस मद में दान देने पर आयकर कानून-1961 की धारा -29,2,क के तहत छूट प्रदान की जाती है।
झण्डा दिवस के मौके पर जिला कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने भी सभी सरकारी विभागों व आम जनता से सैनिकों के कल्याण कोष मे अधिक से अधिक दान करने की अपील की गई है।
आज झण्डा दिवस है। वर्ष 1949 से इस दिन को देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा की कार्यवाहियों व प्राकृतिक आपदाओं मे कर्तव्य पालन के समय वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को देश भर मे सुबह 11 बजे दो मिनिट का मौन रखकर याद किया जाता है।
झण्डा दिवस पर देश के शहीद सैनिकों को याद करते हुए उन्हें सम्मान देने व उनके प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए जनता के बीच टोकन एवं कार ध्वज वितरित कर धन एकत्रित किया जाता है। ताकि इस धन से शहीद सैनिकों के आश्रित परिजनों, विकलांग सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास के कार्यक्रम चलाए जा सकें। जिससे उनकी लड़कियों का विवाह, चिकित्सा उपचार, छात्रवृत्ति, स्वरोजगार आदि के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराई जा सके।
इस मौके पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,रक्षा मंत्री व प्रदेश के राज्यपाल ने सभी देश वासियों से आगे आकर अधिक से अधिक दान करने की अपील की है। लोगों से कहा गया है कि झण्डा दिवस पर सचिव 'अमलगमेटेड स्पेशल फंड फॉर रिकन्सट्रक्सन एण्ड रिहैबिलिटेशन ऑफ एक्स सर्विसमैन' मे दान करें।
सागर जिला सैनिक कल्याण अधीक्षक दर्शन सिंह के मुताबिक सागर की जनता के लिए यह गर्व की बात है कि झण्डा दिवस पर शहीद सैनिकों को दान की राशि की मात्रा के हिसाब से प्रदेश मे चौथे स्थान पर रहा।
इस दिन टोकन ध्वज वितरित कर बच्चों से 2 से 5 रूपए व कार ध्वज के बदले 50 रूपए से जितना अधिक से अधिक जितना भी दान करना चाहे उसे एकत्रित किया जाता है। बड़े व्यापारियों व व्यवसायियों को इस मद में दान देने पर आयकर कानून-1961 की धारा -29,2,क के तहत छूट प्रदान की जाती है।
झण्डा दिवस के मौके पर जिला कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने भी सभी सरकारी विभागों व आम जनता से सैनिकों के कल्याण कोष मे अधिक से अधिक दान करने की अपील की गई है।
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